क्षेत्र में प्रमुख मुद्दा फसल बीमा और भावांतर है। फसलों का प्रीमियम देने के बाद क्लेम न मिलने से किसानों में आक्रोश है। किसान दिनेश सूर्यवंशी और प्रभुलाल के लिए ये उपचुनाव अन्य चुनावों की तरह ही है। वे कहते हैं कि सबकुछ भाषण में ही सुन रहे हैं। न तो कर्ज माफ हुआ और न ही किसी तरह का लाभ मिला है। शरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवास योजना भी मुद्दा है बड़ौद की महिला रेशमबाई का कहना है कि आवास के लिए कब से इंतजार कर रहे हैं। बारिश निकल गई पर छत नसीब नहीं हुई। आगर के राकेश जैन बताते हैं कि छोटा जिला होने के बाद भी यहां युवा बेरोजगारी से परेशान है।
कांग्रेस को सिर्फ 3 बार सफलता
1957 के पहले चुनाव में जनसंघ के मदनलाल भंडारी जीते थे। 1972 में कांग्रेस के मधुकर मरमट ने परचम लहराया। 1985 में कांग्रेस से शकुंतला चौहान जीती। 1998 में कांग्रेस के रामलाल मालवीय ने भाजपा के किले को ढहाया था। 2003 से अब तक यह सीट भाजपा के कब्जे में रही है।
कब कौन जीता
2008 लालजी राम
2013 मनोहर ऊंटवाल
2014 गोपाल परमार (उपचुनाव)
2018 मनोहर ऊंटवाल
2020 उपचुनाव
ऊंटवाल के निधन से खाली हुई थी सीट
पालिटिकल लीग जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, मुद्दों की पैनी गेंदों ने विश्लेषकों को चौंका रखा है। विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई आगर-मालवा सीट पर उपचुनाव की वजह से मुद्दे बदलते दिखाई दे रहे हैं। किसानों की समस्याएं बरकरार है तो युवा रोजगार को लेकर सवाल खड़े करते हैं। अब ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को भाजपा ने मैदान में उतारा है।
भाजपा ने जारी की सूची
जातिगत समीकरण
सामान्य 55 हजार
पिछड़ा 65 हजार
एससी 70 हजार
एसटी 5 हजार
मुस्लिम 25 हजार