अगार मालवाPublished: Jan 10, 2018 12:38:27 am
Gopal Bajpai
नगर के सामुदाियक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। इस कारण कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपनी मनमर्जी से कहीं भी आ-जा सकता है।
patrika
सुसनेर. नगर के सामुदाियक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा के नाम पर कोई इंतजाम नहीं है। इस कारण कोई भी व्यक्ति किसी भी समय अपनी मनमर्जी से कहीं भी आ-जा सकता है। उसे रोकने वाला कोई नहीं है। केंद्र में सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड नहीं हैं। यही नहीं केंद्र के मुख्य द्वार पर गेट भी नहीं है। इसी का फायदा उठाते हुए नगरीय क्षेत्र में आने वाले लोग वाहन ओपीडी के सामने ही पार्क कर देते हैं। इससे मरीजों को परेशानी होती है। साथ ही दुर्घटनाग्रस्त मरीजों व गर्भवतियों को अस्पताल में लाने वाले एम्बुलेंस व जननी एक्सप्रेस को भी परिसर में लाने में परेशानी होती है।
बड़ी दुर्घटना के दौरान भी अस्पताल में घायलों को लाया जाता है तो देखने वालों की भीड़ जमा हो जाती है। इसे हटाने वाला कोई नहीं होता। केंद्र के कई कक्ष में ताला नहीं लगने से कोई भी उनमें जाकर दुरुपयोग करता है। अधिकांश समय गाय व कुत्ते आराम करते रहते हैं। रोकटोक नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोग परिसर में ही सामूहिक तौर पर धूम्रपान करते हैं। गार्ड नहीं होने से कई बार अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों के साथ मरीज के परिजन मारपीट व विवाद भी करते हैं।
नगर के स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई थी लेकिन कुछ समय बाद इसे हटा लिदया। उस समय गार्डों द्वारा लगातार समय पर वेतन नहीं मिलने की शिकायतें भी आती थीं। किंतु अब डेढ़ साल से गार्ड नहीं है। नगर का स्वास्थ्य केंद्र जो सीएचसी होकर नगर सहित करीब 100 से अधिक ग्राम के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधा का केंद्र है।
नहीं है व्यवस्था
स्वास्थ्य केंद्र में अभी सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था नहीं है, जबकि व्यवस्था होना चाहिए। रोकस यह व्यवस्था नहीं कर सकती। ठेकेदार के द्वारा सुसनेर स्वास्थ्य केंद्र को गार्ड उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
डॉ. बीबी पाटीदार, बीएमओ
डोंगरगांव. आरबीएसके सुसनेर की बी टीम की मेडिकल ऑफिसर डॉ. अर्चना रघुवंशी व फार्मेस्टिक अमिता तिलकर ने मंगलवार को शासकिय मावि व उमावि में नौवीं से 12वीं तक के 110 विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दी। जो बच्चे 4 डी के अंतर्गत पाए गए, उन्हें सीएचसी, डीएच कार्ड बनाकर रेफर किया गया। स्कूल परिवार के प्राचार्य सहित सभी शिक्षकों व शिक्षकाओं व स्वास्थ्य टीम ने बच्चों के स्वास्थ्य के संबंध विस्तारपूर्वक चर्चा की। अभियान तीन दिन तक चलेगा।