सिंहस्थ के दौरान आगर को पड़ाव क्षेत्र घोषित किया गया था । पड़ाव क्षेत्र होने से यहां यात्रियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए विकास कार्य कराए गए थे। आनन-फानन में सांची दूध डेयरी के पास ईंट भट्ठे हटाकर बस स्टैंड तैयार किया गया था । यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं जुटाते हुए बस स्टैंड की बाउंड्रीवाल परिसर में सुविधाघर, पेयजल आदि व्यवस्था के इंतजाम किए गए थे। सिंहस्थ के समाप्त होने के बाद जवाबदारों ने इस बस स्टैंड की ओर पलटकर भी नहीं देखा। अब हालात यह है कि यहां अधिकांश समय असामाजिक तत्व अवांछित गतिविधि करते हुए देखे जाते हैं। हाइवे के समीप होने के कारण आपराधिक किस्म के लोग आसानी से छूप जाते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए बनाए गए सुविधाघर देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त होते जा रहे है जिसकी ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है।
नाके पर दबाव हो सकता है कम
छावनी क्षेत्र में ही स्थित यह सेटेलाइट बस स्टैंड यदि आरंभ हो जाता है तो सुसनेर, कोटा की ओर आने-जाने वाले यात्रियों को तो सहूलियत मिलेगी। साथ ही बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा। इस बस स्टैंड के कारण छावनी नाके पर यातायात का दबाव भी कम हो जाएगा लेकिन जवाबदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अत्याधुनिक बनाने की योजना
नगर पालिका द्वारा इस बस स्टैंड के उन्नयन के लिए एक डीपीआर बनाई गई थी जिसमें बस स्टैंड परिसर मे सीमेंट कांक्रीट, पार्किंग व्यवस्था, यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था एवं शॉपिंग काम्प्लेक्स बनाना प्रस्तावित किया गया है। डीपीआर में निर्माण कार्य का खर्च करीब १ करोड़ रुपए बताया गया था लेकिन आज तक यह कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है।
सिंहस्थ के दौरान वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए सेटेलाइट बस स्टैंड बनाया गया था। वहां फिलहाल यात्रियों की सुविधा के अनुरूप व्यवस्थाएं नहीं हैं। निकाय द्वारा उन्नयन के लिए डीपीआर तैयार कर भेजी जा चुकी है। स्वीकृति आने पर उन्नयन कार्य होगा।
शकुंतला जायसवाल, नपाध्यक्ष आगर