लाखों रुपए खर्च कर कृषि उपज मंडी प्रशासन बिल्डिंग और अन्य कार्य तो करती है, ताकि किसानों के साथ यहां आने जाने वालों को कोई परेशानी न हो, लेकिन अपनी कर्मचारियों की सूध नहीं है। इंजीनियर के द्वारा बिल्डिंग तो बना दी गई है, लेकिन वहां पहुंचने के रास्ते बनाना उचित नहीं समझा। आज हाल ये कि बिल्डिग के चारों तरफ पांच-पांच फीट का घांस हो गई है तो चारों तरफ जगह को चुहों सहित अन्य जनावर ने खोद भी दी है। रहवासी भवन के सामने गंदगी का ढेर लगा रहता है तो वहीं पर इनके पीने व अन्य कार्यों में उपयोग आने के लिए पानी का ट्यूबवेल भी खोद रखा, जिससे बारिश के दिनों में पानी बदबू मारता है। गंदगी १५-१५ दिन तक नहीं उठाई जाती जो यहीं पर सड़कर दुर्गंध फैलाती है।
इनका कहना है…
मंडी में ३८-३० सुरक्षाकर्मी है, मंडी के रेस्टहाउस में इसमें ३-४ सुरक्षाकर्मी व कर्मचारी भी रहते हैं। रात्रिकालीन ड्यूटी में वहीं रहते हैं। झाडिय़ां हो रही है, बारिश के कारण साफ-सफाई नहीं करवा पाए थे। इंजीनियर से मुरम डलवाने के लिए भी कह दिया है।
एमएल बारसे, सचिव, कृषि उपज मंडी, रतलाम
मंडी में ३८-३० सुरक्षाकर्मी है, मंडी के रेस्टहाउस में इसमें ३-४ सुरक्षाकर्मी व कर्मचारी भी रहते हैं। रात्रिकालीन ड्यूटी में वहीं रहते हैं। झाडिय़ां हो रही है, बारिश के कारण साफ-सफाई नहीं करवा पाए थे। इंजीनियर से मुरम डलवाने के लिए भी कह दिया है।
एमएल बारसे, सचिव, कृषि उपज मंडी, रतलाम