पीएम के वादों को याद दिलाने साइकिल पर निकला युवक
अगार मालवाPublished: Dec 02, 2017 11:20:34 pm
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदर्भ की धरती पर किसानों से किए गए वादे की याद दिलाने आर्णी का 28 वर्षीय युवक अवधूत गायकवाड़ उनके गृह नगर वडऩगर के लिए स
PM turns down the promises made by the youth
यवतमाल के दाभाड़ी से वडऩगर तक की यात्रा पीएम के वादों को याद दिलाने साइकिल पर निकला युवक नागपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदर्भ की धरती पर किसानों से किए गए वादे की याद दिलाने आर्णी का 28 वर्षीय युवक अवधूत गायकवाड़ उनके गृह नगर वडऩगर के लिए साइकिल से निकला है। अपने इस सफल की शुरुआत अवधूत ने यवतमाल जिले के दाभाड़ी गांव से की है। ये वही गांव है जहां लोकसभा चुनाव के दौरान तब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी ने किसानों से उनकी तकदीर बदलने का वादा किया था। अवधूत ने अपनी साइकिल पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का बैनर भी लगाया है जिस पर लिखा है क्या हुआ तेरा वादा ! खास है की अवधूत, प्रधानमंत्री की मां से भी मुलाकात की कोशिश करेंगे और उन्हें जिले के किसानों की पासबुक की फोटो कॉपी सौपने का प्रयास करेंगे।
अवधूत के मुताबिक किसान आत्महत्या के लिए बदनाम यवतमाल जिले के दाभाड़ी गांव में किसानों के साथ चाय पर चर्चा के दौरान मोदी ने कई तरह के वादे किए थे। इन वादों में उनकी सरकार आने पर किसानों को परेशानी के दलदल से निकालने के लिए कई कदम उठाने की जानकारी उनके द्वारा दी गई थी। अब उनकी सरकार को तीन वर्ष पुरे हो चुके है, लेकिन किसान की हालत जस की तस ही है। किसानो को उत्पादन खर्च से 50 फीसदी ज्यादा का भाव दिलाने एकपास से कपड़ा बनाने का क्षेत्र में कारखाना बनाने, देश के बाहर मौजूद कालेधन को वापस लेकर देशवासियों को 15 लाख रुपए देने का आश्वासन धरा का धरा रह गया। प्रधानमंत्री के कहने पर लोगों ने जनधन के खाते तक खोल लिए, लेकिन पैसे का कही नामों निशान नहीं है। किसानों की स्थिति से अवगत कराने के लिए दाभाड़ी गांव के 25 किसानों के खातों की पासबुक सबूत के तौर पर अवधूत ने अपने पास रखा है जिसे मौका मिलने पर वो प्रधानमंत्री की मां को सौपेंगे। अवधूत के मुताबिक सबकी मां महान होती है उनका मकसद कतई उनके मन को दुखाना नहीं है बस वह चाहते है की प्रधानमंत्री की मां उन्हें समझा और वचन जनता को वचन दे की उनके हालत सुधरेंगे। मोदी के गांव के लिए साइकिल पर निकला युवक पेशे से हम्माल का काम करता है। उसके पास खुद साइकिल भी नहीं है गांव के ही एक अन्य व्यक्ति से उधारी में साइकिल लेकर वह इस यात्रा में निकला है।