जांच अधिकारी एएसआई विष्णु के मुताबिक राधेश्याम (५६) पिता बंकट बिरला निवासी ४८ क्वार्टर, महेश गार्ड लाईन की बुधवार सुबह एक्सीडेंट में घायल होने के बाद मौत हो गई। शव का जिला हॉस्पिटल में पीएम कराने के बाद उनके परिजनों को सौंपा है। मृतक एपीटीसी में प्लाटून कमांडर के पद पर थे। वे सुबह घर से ड्यूटी के लिए पैदल निकले। रास्ते में न्यू जीडीसी कॉलेज के समीप पहुंचे ही थे की पीछे से आ रही एमपी पुलिस पब्लिक स्कूल की बस ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दिया। उछलकर डिवाइडर से टकराने से उनके सिर में गंभीर चोट पहुंची। घटना के वक्त बस भी असंतुलित होकर डिवाइडर से टकरा गई। पकड़़ जाने के डर से ड्राइवर रंजित गुर्जर वहां से फरार हो गया। घायल प्लाटून कमंाडर को उनके परिजन उपचार के लिए निजी हॉस्पिटल ले गए। यहां उपचार के दौरान डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं बस में सवार छात्र आदित्य के घायल होने की बात सामने आई है। इसकी जांच कर रहे है।
जिम्मेदार अधिकारी नहीं आए तो परिवार विरोध करने पहुंचे बेटे कुलदीप ने बताया की सुबह हुई घटना के बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधन से बात की, लेकिन किसी ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। दोपहर बाद जब पिता को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। आरोप है इसके बाद भी बटालियन के कमांडेंट, पुलिस स्कूल के इंचार्ज ने सुध नहीं ली। कोई भी घटना की जानकारी लेने तक नहीं पहुंचा। गुस्साए परिजन शव लेकर स्कूल के बाहर पहुंचे। यहां उन्होंने स्कूल प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ देर तक प्रदर्शन किया। परिवार ने बताया की जिस बस से उनके घर के मुखिया की जान गई, उस बस को ड्राइवर की बजाए कंडक्टर रंजित चला रहा था। उन्हें पता चला की बस का ड्राइवर की छुट्टी होने पर लापरवाह स्कूल प्रबंधन ने कंडक्टर को बस चलाने के लिए दे दी। आरोप है वह सुबह से ही शराब पीने लगता है। उसके खिलाफ छह केस दर्ज है। इतनी बड़ा एक्सीडेंट करने के बाद भी पुलिस उसे अब तक पकड़ नहीं सकी। बेटे ने बताया की उनके पिता ३२ वर्ष से विभाग की सेवा की है। वह प्रायवेट नौकरी करता है। परिवार में मां भगवतीबाई, बहन सुनिता,रोशनी, प्रीती, कविता और भाई सुमित है। वे मृलत: खंडवा के रहने वाले है। गुरुवार को पिता का अंतिम संस्कार करेंगे।