इस गांव में सरकारी पैसों का हुआ ऐसा दुरुपयोग
ग्राम पंचायत फतेहपुर मेंढ़की में वर्ष २००६-०७ में लाखों की लागत से निर्मित हुआ मिडिल स्कूल भवन जर्जर हो गया है।

आगर-मालवा/कानड़. ग्राम पंचायत फतेहपुर मेंढ़की में वर्ष २००६-०७ में लाखों की लागत से निर्मित हुआ मिडिल स्कूल भवन जर्जर हो गया है। स्थिति यह है कि बारिश के दिनों में बच्चे स्कूल में बैठकर पढ़ भी नहीं पा रहे हैं। स्थिति विकट होने पर शनिवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। उन्होंने बच्चों के स्कूल से बाहर निकालकर सरपंच-सचिव की मौजूदगी में मौका पंचनामा बनवाते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कर पंचायत कार्यालय भवन में मावि की कक्षाएं शुरू करवाईं।
पालक शिक्षक संघ द्वारा निर्मित कराए गए भवन में बरती गई लापरवाही एवं उपयोग की गई घटिया सामग्री अब बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। बारिश शुरू होते ही छत ने टपकना आरंभ कर दिया और धीरे-धीरे प्लास्टर गिरने लगा। कुछ बच्चों ने इस समस्या से परिजनों को अवगत कराया तो शनिवार को परिजन स्कूल पहुंचे। स्कूल की स्थिति देख परिजन आक्रोशित हो गए। सूचना देकर मौके पर सरपंच प्रशांत शर्मा को भी बुलाया और सरपंच-सचिव की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर स्कूल में अध्ययनरत सभी बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम पंचायत कार्यालय भवन में शिफ्ट किया।
हो सकता है हादसा
ग्रामीण कमल शर्मा, भारतसिंह, रूगनाथ शर्मा, राजाराम परमार, राजेश शर्मा, नंदकिशोर, लालसिंह आदि ने बताया कि स्कूल निर्माण के समय घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। इसकी वजह से आज इस तरह की स्थिति निर्मित हो रही है। कक्षा छठवीं से आठवीं तक स्कूल में ७९ बच्चे अध्ययनरत हैं। उनके सिर पर पल-पल हादसों का अंदेशा बना रहता है। हमने पंचनामा बनाया है। कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर मरम्मत कराने की मांग की जाएगी। प्रधानाध्यापक मनोज शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया स्कूल की छत टपकने के संबंध में हमारे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
ग्राम फतेहपुर मेंढ़की मिडिल स्कूल में छत टपकने की जानकारी मिली है। निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था की जाएगी।
ओपीएस तोमर, प्रभारी डीइओ आगर
आगर-मालवा. पिछले कुछ दिनों से बारिश का दौर लगातार जारी है। कभी झमाझम तो कभी बूंदाबांदी के रूप में बादल बसर रहे हैं। सतत् जारी इस बारिश से अंचल भीग गया। शनिवार को भी बारिश का दौर दिनभर जारी रहा।
पिछले 24 घंटों में 29.2 एमएम औसत वर्षा हुई। आगर में सबसे अधिक 42.2 एमएम वर्षा दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त बड़ौद 38 एमएम, सुसनेर में 12.4 एमएम तथा नलखेड़ा में 24.3 एमएम वर्षा हुई है। १ जून से अब तक 18 3.2 एमएम वर्षा हो चुकी है। विगत वर्ष इस अवधि में 172.2 एमएम औसत वर्षा हुई थी। विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 10.9 एमएम अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जिले की सामान्य औसत वर्षा 899.9 एमएम है।
पुलिसकर्मियों के लिए नहीं है कोई स्थान
शहर के प्रमुख चौराहों पर तैनात रहने वाले यातायात पुलिसकर्मी बारिश में चौराहे पर खुले में ही खड़े रहते हैं। रेनसूट पहनकर अपनी ड्यूटी करते हैं या फिर गीले होकर ही ड्यूटी पर दिखाई देते हैं। अधिक पानी आने पर चौराहे पर लग रहे होर्डिंग्स के नीचे जैसे-तैसे अपने आपको पानी से बचा लेते हैं। शहर के किसी भी चौराहे पर यातायातकर्मियों के लिए धूप, बारिश से बचने की कोई व्यवस्था नहीं है।
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