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अतिथि शिक्षकों को लेकर प्रभारी प्राचार्य के किस्से हो रहे चर्चित…

locationअगार मालवाPublished: Jan 25, 2019 12:54:59 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

शासकीय स्कूल राजनीति और चहेतों को नौकरी देने का अखाड़ा बने हुए

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तनोडिय़ा. इन दिनों शासकीय स्कूल राजनीति और मनमानी का अखाड़ा बने हुए हैं। शिक्षक समय पर स्कूल तो पहुंचते ही नहीं है और अन्य कार्योंं का बहाना कर मनमानी करने पर उतारू है ं। खासकर अतिथि शिक्षकों को लेकर शासकीय स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य की मनमानी के कि किस्से खासे चर्चित हो रहे हैंं। जब से शासन ने अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की बात की है तब से अपने चहेतों को अतिथि शिक्षक बनाने के लिए कई स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को नियुक्ति दे दिए। ऐसे ही एक मामले में हाई स्कूल पाल खेड़ी में लैब टेक्नीशियन वर्ग 3 के पद पर शाला प्रबंधन ने पात्र व्यक्ति के प्रतिशत एवं स्कोरकार्ड को ताक पर रखकर अपने चहेते को प्रतिशत कम होने के बावजूद नियुक्ति दे दी। पात्र हितग्राही द्वारा आपत्ती लेने पर नियमानुसार नियुक्ति की बात कही।
प्रार्थी नरेंद्र सिंह राजपूत ने 8 जनवरी को आपत्ति दर्ज कराते हुए जनसुनवाई में एक आवेदन भी दिया । साथ ही 7 जनवरी को जिला शिक्षा अधिकारी को भी इस संबंध में आवेदन आवेदन देकर आपत्ति दर्ज कराईए लेकिन दोनों कार्यालय से इस संबंध में कोई भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई और मामले को टाल दिया गया।
प्रार्थी ने बताया की मेरे 67 प्रतिशत होने के साथ अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य करने का अनुभव होने के बाद सुमित्रा शर्मा 65 प्रतिशत एवं डीएलएड फस्ट इयर पास बता कर नियुक्ति दे दी, जबकि अतिथि शिक्षकों को डीएलएड करने की पात्रता नहीं थी। सुमित्रा शर्मा ने रेगुलर डीए और डीएलएड भी किया। अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य भी किया दोनों चीज एक साथ कैसे संभव है। उक्त नियुक्ति देने वाले अधिकारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
&इस मामले में हमने समिति बनाई जो मामले की जांच कर रही है। डीएलएड कोर्स शासकीय सेवारत व प्राइवेट स्कूल शिक्षकों के लिए है यदि किसी ने अतिथि शिक्षक रहते हुए किया है तो दस्तावेज बताइये कार्रवाई करेंगे।
केके अग्रवाल, प्रभारी जिलाशिक्षाधिकारी आगर
&साइंस विषय को प्राथमिकता देते हुए नियमानुसार नियुक्ति की गई है। नियमों को ध्यान में रखकर नियुक्ति की है।
लाड़ कुंवर मंडोत, प्रभारी प्राचार्य हाई स्कूल पालखेड़ी
अतिथि शिक्षक और डीएलएड दोनों साथ कैसे
पूरे जिले में डीएलएड को लेकर कई तरह की अनियमितता सामने आई हैं। कई ऐसे मामले भी हैं जिनमें कई लोगों ने अतिथि शिक्षक के रूप में शासकीय स्कूलों में सेवाएं देकर वेतन प्राप्त किया है । वहीं इन लोगों ने निजी स्कूलों से साठगांठ कर डीएलएड की परीक्षा भी दी है जबकि जो शिक्षक शासकीय स्कूलों में अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ है वो रेगुलर परीक्षा कैसे दे सकता है। शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग के जिम्मेदार कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ।

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