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सूखा कंठाल का कंठ, अब क्या होगा

locationअगार मालवाPublished: Mar 14, 2018 12:48:07 am

Submitted by:

Lalit Saxena

नगर की मुख्य जल धरोहर कंठाल नदी में इन दिनों पानी खत्म हो चुका है। कुछ एक जगह पर ही पानी में बचा है।

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नगर की मुख्य जल धरोहर कंठाल नदी में इन दिनों पानी खत्म हो चुका है। कुछ एक जगह पर ही पानी में बचा है।

सुसनेर. नगर की मुख्य जल धरोहर कंठाल नदी में इन दिनों पानी खत्म हो चुका है। कुछ एक जगह पर ही पानी में बचा है।
अभी तक तो नगर के बाहरी हिस्से डाक बंगला क्षेत्र में ही जलसंकट की समस्या पैदा हो रही थी किंतु अब नदी के आसपास वाले इलाकों में भी पानी की समस्या उत्पन्न होने लगी है। उधर नगरीय क्षेत्र के जो जलस्रोत हैं उनमें भी पानी तेजी से कम हो रहा है।
नगर में तो भूमिगत जलस्रोत का सबसे प्रमुख स्रोत कंठाल नदी है। अब वही पूरी तरह सूख गई है। नदी में कुछ जगहों पर गड्ढों में ही थोड़ा बहुत पानी है। नदी के सूख जाने से नगरीय क्षेत्र के वार्ड 1 से 8 तक के जलस्रोतों में अभी से पानी की कमी महसूस होने लगी है। गर्मी की शुरुआत हो चुकी है, किंतु पानी को सहेजने के इंतजाम परिषद के पास नहीं हैं। इधर नदी सूखने से भीषण गर्मी में लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ेगा।
नगर परिषद इस वर्ष अभी तक गर्मी में होने वाली जलसमस्या के लिए अभी तक कोई उचित व्यवस्था नहीं कर पाई है। हर साल की तरह इस बार भी नगर के 15 ही वार्डों में रहवासियों की प्यास बुझाने के लिए पानी के टैंकरों का इंतजाम करना पड़ेगा। परिषद ने पेयजल परिवहन के लिए टेंडर विज्ञप्ति भी इस शर्त के साथ जारी की है कि शासन से स्वीकृति के बाद ही पेयजल परिवहन करना होगा।
गत वर्ष भी पेयजल परिवहन के नाम पर 40 लाख रुपए का पानी टैंकरो के माध्यम से परिवहन करके लोगों को पिलाया था। भुगतान अभी भी बकाया है।
मंत्री ने दिया उपनेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब
सुसनेर. सालरिया गो अभयारण में गायों की मौतों का मामला विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन ने उठाया था। इसमें उन्होंने पशुपालन मंत्री से अभयारण में एक जनवरी 2015 से 31 जनवरी 2018 तक प्रति माह गायों की संख्या व मृत गायों की संख्या और खाद्य सामग्री सप्लाई करने वाली फर्म का नाम, फर्म को भुगतान, लंबित भुगतान, इस खाद्य सामग्री की कब-कब जांच की। परिणाम की जानकारी व 4 माह में गायों की मौत पर शासन ने क्या कार्रवाई की। मामले की जांच कौन कर रहा है। जिम्मेदार पर शासन कब तक कारवाई करेगा।
इसके उत्तर में पशुपालन मंत्री अंतरसिंह आर्य ने बताया दिनांक 27 सितंबर 2017 को विधिवत रूप से अभयारण्य का शुभारंभ हुआ था। उस समय उस समय 4052 गोवंश था। माह वार गोवंश की संख्या एवं मृत की जानकारी दी। अभयारण्य स्थल पर गोवंश की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्था है। नए गोवंश के प्रवेश पर प्रतिबंध, खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला भोपाल एवं पशुपालन कॉलेज महू के जांच प्रतिवेदन में अमानक पदार्थ नहीं पाए जाने से ठेकेदार पर एफआईआर नहीं कराई। उज्जैन संभागायुक्त ने संबंधित अधिकारियों पर जांच संस्थित की है।

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