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अगार मालवा

यहां प्लॉट न लेने से पहले दस बार सोचें

सब्जबाग दिखा भूमाफिया ने शहर में अवैध कॉलोनियां खड़ी कर दी, लेकिन यहां रहने वाले लोग इन दिनों नारकीय जीवन जी रहे हैं।

अगार मालवाMar 22, 2018 / 12:27 am

Lalit Saxena

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सब्जबाग दिखा भूमाफिया ने शहर में अवैध कॉलोनियां खड़ी कर दी, लेकिन यहां रहने वाले लोग इन दिनों नारकीय जीवन जी रहे हैं।

दुर्गेश शर्मा. आगर-मालवा
सब्जबाग दिखा भूमाफिया ने शहर में अवैध कॉलोनियां खड़ी कर दी, लेकिन यहां रहने वाले लोग इन दिनों नारकीय जीवन जी रहे हैं। कारण नपा द्वारा यहां मूलभूत सुविधाएं न दी जाना। शहर की ८ कॉलोनी को ही नपा ने वैधता प्रदान कर रखी तथा एक को एसडीएम ने वैधता दी है। बाकी ३० से ३५ ऐसी कालोनियां हैं जो अवैध हैं।
जमीन के दलालों ने कम कीमत के नाम पर लोगों को बरगलाकर कॉलोनियां बसा दी जिसका खामियाजा अब रहवासी भोग रहे हैं। न यहां बिजली है और न ही सड़क-नाली। पानी के लिए भी भटकना पड़ता है।
रेरा के नियमों का नहीं हो रहा पालन
भू-माफिया के चंगुल से लोगों को बचाने के लिए शासन ने रियल स्टेट कानून रेरा तो लागू कर दिया लेकिन शहर में इस कानून का पालन कम ही लोग कर रहे हैं। ६ कालोनाइजरों द्वारा ही रेरा में पंजीयन कराया गया है जबकि शहर में ३० से ३५ कॉलोनी अवैध हैं। रेरा से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कुछ कॉलोनाइजरों ने अपूर्ण कॉलोनी को पूर्ण बताकर प्रमाण पत्र तक ले रखा है। यदि जिला प्रशासन जांच करे तो गड़बड़ी सामने आ सकती है।
वैध कराना टेढ़ी खीर, शुल्क सहित भारी राशि देना होती है
दलालों के चक्कर में आकर अवैध कॉलोनी में लोग प्लॉट तो ले लेते हैं और मकान बनाने के बाद समस्याओं से घिर जाते है फिर आरंभ होता है संघर्ष। नपा से वैधता प्राप्त करने के लिए १५ रुपए वर्गफीट के मान से तथा अन्य शुल्क सहित भारी भरकम राशि जमा कराने के उपरांत परिषद की स्वीकृति मिलने पर ही मकान को वैधता प्राप्त होती है तब जाकर वहां सुविधाएं मिलने के आसार बनते हैं। राज्य शासन ने भी अवैध कॉलोनियों के लिए सरलता लागू करते हुए एक परिपत्र जारी किया जिसमें नियमितीकरण किए जाने का उल्लेख किया गया है लेकिन इस प्रक्रिया में भी फिलहाल समय लगेगा।
परिषद ने खारिज किए नामांतरण
बुधवार को नपा परिषद की आयोजित बैठक में भी अवैध कॉलोनियों में निवासरत रहवासियों द्वारा प्रस्तुत नामांतरण प्रकरणों पर विचार-विमर्श हुआ। जो प्रकरण परिषद के समक्ष आए थे उसमें से ३ ऐसे प्रकरणों पर सहमति नहीं बनी जो की अवैध कॉलोनी की श्रेणी में आते हैं।
मास्टर कॉलोनी के अतिरिक्त क्षेत्र के हर हिस्से में अव्यवस्था का आलम है। न सफाई होती है और न ही नाली, सड़क व जल निकासी के प्रबंध हैं। इसी प्रकार के हालात छावनी खंडेलवाल कॉलोनी, पुष्पा कॉन्वेट के सामने वाली कॉलोनी, एकता नगर सहित दर्जनों कॉलोनियों में दिखाई देते हैं।
नगरपालिका रिकॉर्ड में ये हैं वैध
नपा ने बताया आदर्श नगर, कर्मचारी गृह निर्माण, अतिरिक्त कर्मचारी गृह निर्माण, गोपाल बाग, बैजनाथधाम, मालवा गृह निर्माण संस्था को वैधता दी गई है। इसी प्रकार हंस्तातरित कॉलोनी मात्र दो हं। एक छावनी स्थित हाउसिंग बोर्ड और दूसरी नगर की सबसे पुरानी एवं प्रथम कॉलोनी विवेकानंद नगर है लेकिन इसके अतिरिक्त हिस्से को नगर पालिका द्वारा वैधता प्रदान नहीं की गई।
चिह्नित कर काट दिए प्लॉट
देवली रोड पर इतनी अवैध कॉालोनियां विकसित हो चुकी हैं फिर भी जवाबदार ध्यान नहीं दे रहे। एक कॉलोनी के हालात तो यह है कि भूमाफिया ने एक ही प्लाट को अनगिनत लोगों को बेच दिया। इस विवाद होने पर भू-माफिया आगर छोड़कर भाग गया। कुछ इसी तरह की स्थिति इस मार्ग पर वापस बनती दिखाई दे रही है। एक ताजा-ताजा कॉलोनी बनी है जो की किसी भी प्रकार के नियम कायदों में खरी नहीं उतरती है। लोगों को बरगलाने के लिए संबंधित ने सड़क के नाम पर दोनों तरफ चिह्नित कर बीच में पत्थर की चूरी डाल दी और प्लॉट चिह्नित कर दिए।

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