scriptMP Election 2018 : धरी की धरी रह गईं उम्मीदें : न भाजपाई जश्न मना पाए और न कांग्रेसी… | This assembly election will be a memorable one for a long time | Patrika News

MP Election 2018 : धरी की धरी रह गईं उम्मीदें : न भाजपाई जश्न मना पाए और न कांग्रेसी…

locationअगार मालवाPublished: Dec 12, 2018 09:52:15 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

मतदाताओं ने ऐसा जनादेश दिया कि न तो भाजपाई जीत का जश्न मना पाए और न ही कांग्रेसी सरकार बनने का जश्न।

patrika

elections,BJP,Congress,Assembly elections,voters,election results,mandate,

दुर्गेश शर्मा@आगर-मालवा. 2018 का यह विधानसभा चुनाव लंबे समय के लिए यादगार साबित होगा। मतदाताओं ने ऐसा जनादेश दिया कि न तो भाजपाई जीत का जश्न मना पाए और न ही कांग्रेसी सरकार बनने का जश्न। देखा जाता है कि चुनाव परिणामों के बाद खासी चहल-पहल बनी रहती है लेकिन पहली बार चुनाव परिणाम के बाद शहर बुधवार को खामोश रहा। भाजपा खेमे में सरकार न बनने को लेकर मायूसी रही तो कांग्रेसी खेमे में प्रत्याशी की हार को लेकर मंथन होता रहा। मतगणना के बाद जितनी भीड़ के साथ भाजपा प्रत्याशी नवनिर्वाचित विधायक मनोहर ऊंटवाल द्वारा विजयी जुलूस निकाला गया लगभग उतनी ही भीड़ विपिन वानखेड़े के साथ नजर आई। सिर्फ फर्क इतना दिखाई दिया कि जीते प्रत्याशी गाजे-बाजे के साथ मतगणना स्थल से निकले तो पराजित हुए वानखेड़े सैकड़ों समर्थकों के साथ बगैर किसी गाजे-बाजे के शहरवासियों का आभार जताते हुए छावनी नाके से उज्जैन रोड तक पैदल पहुंचे।

उम्मीदें रह गई धरी की धरी
इस विधानसभा चुनाव में कई सटोरियों को बर्बादी के मुहाने पर लाकर छोड़ दिया। काफी दिनों से सट्टा बाजार में उथल-पुथल चल रही थी और जैसे ही परिणाम सामने आए तो तमाम उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। न तो प्रदेश में भाजपा की सरकार बन पाई और न ही आगर में कांग्रेस प्रत्याशी जीत पाए। ऐसा जनादेश आया कि सबके सब हैरान रह गए। कांग्रेसी सरकार के साथ-साथ अपने प्रत्याशी की जीत के प्रति आश्वस्त थे और जीती हुई बाजी हार गए। भाजपा में भी स्थिति ऐसी ही थी लेकिन यहां भाजपा प्रत्याशी मामूली अंतर के साथ जीत तो गए लेकिन सरकार न बनने से भाजपाइयों में मायूसी छा गई।

मंत्री तो नहीं बने पर सांसद से बने विधायक ऊंटवाल
नवनिर्वाचित विधायक मनोहर ऊंटवाल के साथ बड़ी विचित्र स्थिति निर्मित होती है। 2013 में ऊंटवाल को आलोट से अचानक आगर भेज दिया जाता है और ऊंटवाल आगर से विधायक भी बन जाते हैं लेकिन कुछ ही दिनो में संगठन इन्हें देवास शाजापुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में उतार देता है और ऊंटवाल यहां भी संगठन की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं और भारी मतों से जीतकर सांसद बन जाते हैं। 2018 के चुनाव में संगठन वापस ऊंटवाल को आगर विधानसभा में अपना प्रत्याशी बना देता है। इस बार उम्मीद की जा रही थी कि वापस भाजपा की सरकार बनेगी और ऊंटवाल को मंत्री पद से नवाजा जाएगा लेकिन तमाम उम्मीदें धरी की धरी रह गई। ऊंटवाल मंत्री तो नहीं बने लेकिन सांसद से विधायक जरूर बन गए।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो