scriptकमलनाथ सरकार की इस महत्ती योजना में इस जिले के किसानों के साथ हुआ धोखा | This important scheme of Kamalnath government has deceived farmers of | Patrika News

कमलनाथ सरकार की इस महत्ती योजना में इस जिले के किसानों के साथ हुआ धोखा

locationअगार मालवाPublished: Jan 19, 2019 12:24:57 am

Submitted by:

Lalit Saxena

कृषि सहकारी साख संस्था सुदवास बड़ौद के ऋणी किसानों की सूची ग्राम पंचायत सुदवास कार्यालय पर चस्पा किए जाने के बाद संस्था से जुड़े हुए किसानों में शुक्रवार को खलबली मच गई।

patrika

कृषि सहकारी साख संस्था सुदवास बड़ौद के ऋणी किसानों की सूची ग्राम पंचायत सुदवास कार्यालय पर चस्पा किए जाने के बाद संस्था से जुड़े हुए किसानों में शुक्रवार को खलबली मच गई।

आगर मालवा. प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्था सुदवास बड़ौद के ऋणी किसानों की सूची ग्राम पंचायत सुदवास कार्यालय पर चस्पा किए जाने के बाद संस्था से जुड़े हुए किसानों में शुक्रवार को खलबली मच गई। कईकिसान तो सूची देख हैरान रह गए। जितना कर्ज किसानों ने लिया नहीं उससे अधिक कर्ज को संस्था की सूची में माफ करवाने के कॉलम में दर्ज कर दिया गया। सूची की गड़बड़ी को लेकर किसानों द्वारा आक्रोश भी जताया गया। वहीं शाखा प्रबंधक का कहना है कि सूची नियमानुसार तैयार हुई है, कोई गड़बड़ी नहीं है। वहीं किसान तो सीधे-सीधे सहकारी संस्था पर गड़बड़ी के आरोप लगा रहे है।
किसानों को खाद-बीज एवं नकद देने के लिए कृषि सहकारी साख संस्था द्वारा खाते खोले जाते हैं। फसल के समय इन खातों में जमा-निकासी की जाती है जिसका रिकार्ड संस्था में ही रहता है। कुछ जागरूक किसान संस्था से यह रिकार्ड ले लेते हैं लेकिन आज भी अनेक ऐसे किसान हैं जो संस्था प्रबंधक के भरोसे ही रहते हैं। यहां से किसानों के साथ छलावे का खेल आरंभ हो जाता है। तमाम बैंक कम्प्यूटराइज्ड हो चुकी है लेकिन सहकारी संस्थाओं में आज भी पुरानी परम्पराओं के अनुसार बहिखातों का उपयोग होता है। इससे बड़ी आसानी से फेरबदल और संशोधन हो जाते हैं। बैंक पलटी के नाम पर बड़ी आसानी से किसानों के खाते में फेरबदल हो जाता है।
शुक्रवार को जब सुदवास सहकारी संस्था के किसानों ने पंचायत कार्यालय पर चस्पा की गई सूची को देखा तो वे लोग हैरान रह गए। कुछ किसान २ साल पहले खाता बंद कर चुके थे, उनका नाम भी कर्जमाफी की सूची में आने से पूरी सूची ही संदेह के घेरे में आ गई। कृषक बालकिशन, भंवरसिंह, गुलाबसिंह, रतनसिंह, मदनलाल, आनंदीलाल, शांतिलाल शर्मा तथा सरपंच कृष्णाबाई जसवंतसिंह चौहान ने बताया कि सूची में गंभीर गड़बडि़यां दिखाई दे रही हैं। इसकी जांच होना चाहिए। सूची की वास्तविक जांच होगी तो संस्था प्रबंधक के घोटाले उजागर हो जाएंगे।
सूची में जिस किसान का कर्जा ही १ लाख है तो फिर उसका कर्जा २ लाख कैसे माफ हो रहा है। जिस किसान पर कोईक र्ज नहीं है उसे भी कर्ज दारों की सूची में डाल दिया गया है। सहकारी सोसायटी द्वारा तैयार की गई इस सूची की जांच होना चाहिए।
बैंकिंग प्रक्रिया के तहत् ही सूची तैयार की गई है। किसानो को कोई गलत फहमी हो रही है। किसानों की गलतफहमी को दूर किया जाएगा। कोई गड़बड़ी नहीं है । बैंक की अपनी एक प्रक्रिया होती है। उसी के अनुसार कार्य होता है।
मांगूसिंह राजपूत, संस्था प्रबंधक सहकारी सोसाइटी सुदवास
मेरे द्वारा करीब दो वर्ष पूर्व सहकारी संस्था का पूरा कर्ज अदा कर दिया गया था। फिर भी मुझे इस सूची में कर्जदार बताया गया है और मेरे नाम से ८० हजार रुपए का कर्ज दर्शाया गया है।
बालकिशन सिद्धूलाल, किसान
मेरी जानकारी में था मेरे उपर १ लाख ८८ हजार ५०० रुपए का कर्ज था उसे बढ़ाकर ३ लाख ८४ हजार सूची में बताया जा रहा है। इस सूची की जांच होना चाहिए।
गुलाब सिंह, किसान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो