आज बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव होने के साथ ही चैत्र नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि भी है।
अगार मालवा•Apr 13, 2019 / 12:46 am•
Ashish Sikarwar
आज बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव होने के साथ ही चैत्र नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि भी है।
सुसनेर. आज बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव होने के साथ ही चैत्र नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि भी है। आज के दिन नगर सहित ग्रामीण अंचल में एक ओर भक्त माता रानी को विदाई देंगे, वहीं भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की खुशियां भी मनाएंगे। दोपहर 12 बजे नगर के मंदिरों में श्रीराम का जन्मोत्सव मनेगा।
शुक्रवार से ही अष्टमी तिथि लग जाने से कई जगहों पर कन्याभोज हुए। आज भी देवी मंदिरों में कन्याभोज होंगे। साथ ही भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर कहीं आतिशबाजी होगी तो कहीं महाआरती। जगह-जगह सुंदरकांड की चौपाइयों के साथ भगवान श्रीराम के जयकारे गूंजेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. बालाराम व्यास के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजकर 25 मिनट से ही अष्टमी तिथि लग गई हैै। जो शनिवार सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। उसके बाद से ही नवमी लगेगी। इसलिए शुक्रवार को सवा आठ बजे के बाद से ही महानवमी का व्रत शुरू होगा। इस बार रामनवमी पुष्य नक्षत्र के योग में है। यह सभी 27 नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। भगवान श्रीराम का जन्म भी पुष्य नक्षत्र में ही हुआ था।
दो रूपों की होगी पूजा
नगर के पुरानी सब्जी मंडी स्थित श्री राम मंदिर में राम दरबार की पूजा दो रूपों में होगी। पुजारी पं. मनोज शर्मा के अनुसार मंदिर अतिप्राचीन होकर 1600 ईस्वीं का देवी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित है। यहा विराजित श्रीराम दरबार की प्रतिमाएं राजसी व वनवासी दो अलग-अलग रूपों में हैं।
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह संपन्न, आज होगी पुर्णाहुति
कानड़. चैत्र नवरात्रि पर्व के चलते ग्राम कलमोई में स्थित कमलेश्वरी माता मंदिर कमलेश्वरी धाम पर नवरात्रि के प्रारंभ से शतचंडी महायज्ञ व श्रीमद्भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव चल रहा हैं। शुक्रवार को कथा वाचक पं. महेश द्विवेदी तराना ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का सुंदर चित्रण उपस्थित भक्तों के सामने किया। विवाह व गोपियों के संग रासलीला आदि की कथा सुनाई। पं. द्विवेदी ने गोपियों के संग रास रचना, श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह, राक्षसी का वध आदि की कथा सुनाई। विवाह की झांकी भी सजाई गई। इसके साथ ही कहा कि सत्य के मार्ग पर चलने वाले को भगवान जरूर मिलते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रवण करने हेतु कलमोई चांदनगंव, कानड़, हरगनखेड़ी, सनावदा आदि स्थानों से भक्त आ रहे हैं।
कथा व शतचंडी महायज्ञ की शनिवार को पूर्णाहुति होगी। साथ ही महाआरती व प्रसादी वितरण होगा।