scriptचातुर्मास : 36 दिन तपस्या करने पर निकाला वरघोड़ा, अहिंसा का दिया संदेश… | Varghoda, a message of non-violence, turned out to be austerity | Patrika News

चातुर्मास : 36 दिन तपस्या करने पर निकाला वरघोड़ा, अहिंसा का दिया संदेश…

locationअगार मालवाPublished: Aug 31, 2018 12:46:48 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

तारकधाम जैन मंदिर से आरंभ हुआ यह चल समारोह शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ जैन ओसवाल भवन पहुंचा।

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आगर-मालवा. चातुर्मास पर्व के अंतर्गत 36 दिन की कठोर तपस्या महामृत्युजंय तप करने पर गुरुवार को तपस्वी का वरघोड़ा निकाला गया। बड़ोद रोड स्थित वासू पूज्य तारकधाम जैन मंदिर से आरंभ हुआ यह चल समारोह शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ जैन ओसवाल भवन पहुंचा।

जगह-जगह चल समारोह का स्वागत

शहर में जगह-जगह चल समारोह का स्वागत किया गया। चल समारोह में बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। जैन ओसवाल भवन में प्रवचन उपरांत साधार्मिक स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ। मुनी आदर्शरत्नसागर एवं साध्वीवर्या गुणज्ञाश्री के सानिध्य में पावन निश्रा में तपस्वी सरीता मनीष रामसिन्हा की तपस्या के निमित्त दो दिवसीय जिनेन्द्र भक्ती महोत्सव के दूसरे दिन वरघोड़ा निकाला गया। चल समारोह में बालिका मंडल तथा मनोहर महिला मंडल आरधना करते हुए चल रही थी। युवा वेदीजी की पालकी लेकर चल रहे थे।

महिलाओं द्वारा गहूली कर आरधना

शहर में अनेक स्थानों पर महिलाओं द्वारा गहूली कर आरधना की गई। प्रमुख मार्गो से होता हुआ यह चल समारोह जैन ओसवाल भवन पहॅुचा जहां मांगलिक प्रवचन हुए। समाज के अशोक नाहर ने जानकारी देते हुए बताया कि तपस्वी की तपस्या का गुणानुवाद किया व तप की अनुमोदना की गई। तपस्वी सरीता मनीष रामसिन्हा का बहुमान अभिनंदन पत्र भेंट जैनश्री संघ की ओर से लाभार्थी केशरीमल जैन सुवासरा वाले ने किया।

बिना करे कोई काम आसान नहीं होता
धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनी आदर्शरत्न सागर ने कहा कि किए बिना कोई काम आसान नहंीं होता सहे बिना कोई मानव महान नहीं होता। आत्मा उत्थान का मार्ग ही आत्मसाधना है। तप त्याग बिना कोई भगवान नहीं होता। तप प्रशंसा करने लायक होता है। तप कर्म समूहों का नाश करता है। मोक्ष सुख प्रदान करता है। इस अवसर पर तपस्वी का पारणा करवाया गया।

दिव्य कलश रथ पहुंचा आगर
कृष्णागिरी शक्तिपीठ तीर्थ से निकली विश्व शांति रथ यात्रा रथ में 51 इंच की पाश्र्वनाथ परमात्मा की प्रतिमा के साथ लाखों नवकार मंत्र के जप वाला दिव्य कलश लेकर आगर पहॅुची रथ यात्रा भी चल समारोह में शामिल थी।

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