दीवानजी की तलैया से उठने लगी दुर्गंध
अगार मालवाPublished: May 20, 2019 09:28:57 pm
सब्जी मार्केट सहित बाजार क्षेत्र आने वाले राहगीर हो रहे परेशान
Vegetable market, including market troubled region are passer coming
दमोह. दीवानजी की तलैया जिसे कैदो की तलैया के नाम से जाना जाता है, चारों ओर आबादी से घिरी इस तलैया में फैली गंदगी हर साल लोगों के लिए परेशानी का सबब बनने लगती है। पिछले दो दिनों से इस तलैया से दुर्गंध उठ रही है, यहां से निकलने वाले राहगीर व रहवासी परेशान होने लगे हैं।
शहर के बीचों-बीच कीर्ति स्तंभ से लेकर टॉकीज तिराहा, चरहाई बाजार व मानस भवन के पीछे हिस्से में गोलाकार में दीवानजी की तलैया स्थित है। इसका रकबा 8 एकड़ 28 डिसमिल है, लेकिन अतिक्रमण की चपेट में आने से और इसके किनारे अतिक्रमण कर बनाई गई गंदी बस्ती विकसित होने से अब इसका दायरा महज 4 एकड़ से भी कम बचा है।
वार्डवासी बताते हैं कि दीवानजी की तलैया को साफ करने के लिए इसके पहले भी कई भागीरथी प्रयास किए गए हैं, लेकिन इस तलैया से हर साल उठने वाली बदबू पर अंकुश नहीं लग पाया है। जब जयंत मलैया दमोह विधायक हुआ करते थे तो उनके कार्यकाल में करीब 5 बार इस तलैया के काया कल्प कराने के लिए निर्देशित किया गया था। इसके अलावा इंद्राकॉलोनी सहित अन्य वार्डों का गंदा पानी सीधे तलैया में पहुंचने पर इसका निदान कराने की बात कही गई थी, लेकिन इस दिशा में काम नहीं हुआ है।
ऐतिहासिक विरासत संजोए है तलैया
दीवानजी की तलैया का निर्माण बाजीराव पेशवा के साथ आए मराठा दीवान ने 1720 इसवीं में कराया था। इसी तलैया किनारे आज भी मराठा समाज के लोगों के निवास होने के साथ प्राचीन श्री राजाराम मंदिर स्थित है। जिससे यह तलैया ऐतिहासिक विरासत संजोए हुए है।
अतिक्रमण व सीवेज नालों से उठ रही दुर्गंध
दीवान जी की तलैया से दुर्गंध उठने के अनेक कारण हैं, जिनमें चारों ओर से फैला अतिक्रमण, सीवेज नालों का पानी इस तलैया में छोड़ा जा रहा है। इसके अलावा इसमें दुर्गंध का मुख्य कारण यह भी है कि मछली बाजार, मीट मार्केट का मांसयुक्त कचरा पानी में सड़ांध उत्पन्न कर दुर्गंध फैलाता है। यह स्थिति गर्मियों, बारिश के बाद धूप निकलने से लगातार सामने आती है।
चोई ने लिया आगोश में
दीवानजी की तलैया के दुर्गंधयुक्त पानी को चोई ने अपने आगोश में ले लिया है, दूर से तलैया के फोटोग्राफ लेने पर तो मनोरम हरियाली युक्त दृश्य उभरकर सामने आता है, लेकिन इसके पास जाने से नाक में रूमाल रखने के बाद ही इसके नजदीक जा पाते हैं।
जरूरत है कायाकल्प की
दीवान जी की तलैया किनारे रहने वाले मराठी समाज के लोगों को इस तलैया की दुर्गंध से सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इस समाज के लोगों ने इस तलैया के कायाकल्प करने के लिए कई बार मांग उठाई। इस समाज के जागरुक युवाओं ने भी पहल की, लेकिन हर साल केवल चोई निकालने का प्रयास किया जाता है, लेकिन चारों ओर की चोई साफ नहीं हो पाती है, क्योंकि सबसे बड़ा चैलेंज इस तलैया से उठती हुई बदबू है। स्थानीय निवासी गिरीश कहते हैं कि जब तक तलैया का पूरा गंदा पानी खाली नहीं कराया जाएगा और इसकी खुदाई नहीं की जाती है तब तक दीवानजी की तलैया से उठती दुर्गंध से निजात नहीं मिल सकती है।