अगार मालवाPublished: Nov 01, 2018 12:18:10 am
Lalit Saxena
बुधवार को रन फॉर यूनिटी हुई। दौड़ शुरू होने से पहले जहां स्कूली बालिका बेहोश हो गई वहीं दौड़ देखने में दो बाइक सवार टकरा कर घायल हो गए।
बुधवार को रन फॉर यूनिटी हुई। दौड़ शुरू होने से पहले जहां स्कूली बालिका बेहोश हो गई वहीं दौड़ देखने में दो बाइक सवार टकरा कर घायल हो गए।
आगर-मालवा. बुधवार को रन फॉर यूनिटी हुई। दौड़ शुरू होने से पहले जहां स्कूली बालिका बेहोश हो गई वहीं दौड़ देखने में दो बाइक सवार टकरा कर घायल हो गए।
सुबह ८.३० बजे छावनी गांधी उपवन से आयोजन के अंतर्गत स्कूली बच्चे व अधिकारी-कर्मचारियों ने विजय स्तंभ चौराहे तक दौड़ लगाई। स्तंभ पर आयोजन का समापन हुआ। मतदाता जागरुकता से संबंधित शपथ भी ली। अधिकारी मौजूद थे।
स्कूली बालिका हुई बेहोश-दौड़ शुरू होने के पहले ही कन्या उत्कृष्ट उमावि की नौवीं की छात्रा सोनू पिता नारायण बेहोश हो गई। उसे जिला अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों के अनुसार बालिका का ब्लड प्रेशर कम हो गया था जिसके कारण वह बेहोश हो गई थी। बालिका सुबह जल्दी मालीखेड़ी स्थित घर से निकली थी। कुछ छात्राओं ने बताया कि हमें तो सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए बेवजह परेशान किया जाता है।
दौड़ देखने के चक्कर में आपस में भिड़े बाइक सवार-दौड़ के समय यातायात अमले ने अधिकारियों के समक्ष अच्छा प्रदर्शन करने के लिए राजमार्ग के फोरलेन पर एक तरफ से वाहनों को रोक दिया और एक लेन को चालू रखा। उसको वनवे करना था लेकिन दोनों तरफ से वाहन आने-जाने दिए। इस छोटी सी चूक से दो बाइक सवारों की जान पर बन आई। सामने की ओर से आ रहा बाइक सवार दौड़ रहे बच्चों की ओर देख रहा था और दूसरा पीछे पलटकर देख रहा था। ऐसे में दोनों टकरा गए। जख्मी बाइक सवार सुनील पिता बाबूलाल निवासी अयोध्याबस्ती को जिला अस्पताल लाया गया।
आगर-मालवा. ७ नवंबर को दिवाली है। इसे लेकर व्यापारी अच्छे व्यापार की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। इनमें पटाखा व्यापारी भी शामिल हैं।
इस बार पटाखा व्यापारियों को खासी परेशानियां हो रही हैं। बुधवार तक इनके लाइसेंस तक नहीं बन पाए। इनको बुधवार को दशहरा मैदान पर दुकान नीलामी के लिए बुला तो लिया गया लेकिन संबंधित अधिकारी आए नहीं। व्यापारी खासे परेशान होते रहे। व्यापारी रवि अग्रवाल, चंदरलाल लालवानी, शौकत खान, गोपाल परिहार, संदेश अग्रवाल सहित अन्य ने बताया ६०-७० व्यापारियों को सुबह ११ बजे बुलाया था। दोपहर की २ बज रही है और इंतजार करते-करते सभी व्यापारी घर जा चुके हैं। हम इंतजार करते रह गए कि कब नगरपालिका वाले आए और नीलामी शुरू करें, लेकिन कोई नहीं आया। ७ दिन बचे हैं कैसे हम दुकान लगाएंगे। कब सामान जमाएंगे और कब बेचेंगे।