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आखिर निजी स्कूल वालों ने क्यों खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

locationअगार मालवाPublished: Aug 29, 2018 12:17:04 am

Submitted by:

Lalit Saxena

आरटीइ की फीस प्रतिपूर्ति न होने सहित अन्य सरकारी नीतियों के कारण निर्मित होने वाली समस्याओं को लेकर

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आरटीइ की फीस प्रतिपूर्ति न होने सहित अन्य सरकारी नीतियों के कारण निर्मित होने वाली समस्याओं को लेकर

आगर-मालवा. आरटीइ की फीस प्रतिपूर्ति न होने सहित अन्य सरकारी नीतियों के कारण निर्मित होने वाली समस्याओं को लेकर मंगलवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के आह्वान पर सभी निजी अशासकीय स्कूल बंद रहे। निजी स्कूल संचालकों ने ८ सूत्रिय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम महेन्द्रसिंह कवचे को सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया कि निजी स्कूलों के प्रति सरकार की दमनकारी नीतियों एवं अडिय़ल रुख के खिलाफ प्रदेश के सभी निजी स्कूल संचालक लामबंद हो चुके हैं। आरटीइ की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान समय पर न होना, फीस अधिनियम आदि ऐसे नियम बन गए हंै जिनके कारण स्कूल संचालकों को काफी परेशानी आ रही है। अचानक मान्यताएं समाप्त कर देने से ही स्कूल संचालक परेशान हो चुके हैं। इसी प्रकार ज्ञापन में अन्य मांगे भी रखी गई। इस अवसर पर एसोसिएशन जिलाध्यक्ष आशीष शर्मा, सतीश गेहलोत, सतीश दिक्षीत, श्याम चौहान, शैलेन्द्र दुबे आदि उपस्थित थे।
सुसनेर. मंगलवार को अशासकीय विद्यालय संघ के बैनर तले निजी स्कूल संचालकों ने मांगों व शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली के विरोध में स्कूल बंद रख मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एसडीएम मनीष जैन को सौंपा। पूरे विकासखंड में 80 निजी स्कूल बंद रहे। ज्ञापन में संचालकों ने बताया हाईस्कूल व हासे की मान्यता निरन्तर न होना एक गंभीर समस्या है। इससे पूर्व में चल रहे विद्यालयों पर संकट और छात्रों का स्वाध्यायी होना बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी। दो वर्षों से आरटीइ की फीस प्रतिपूर्ति नहीं हुई है। समय पर फीस नहीं मिलने पर परेशानी हो रही है। ओटीपी व बायोमैट्रिक सत्र 2019 से लागू किया जाए ताकि अधिक से अधिक मात्रा में आधार की वजह से हो रही परेशानी खत्म हो सके। सत्र से पहले ही विभाग द्वारा वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाए और स्कूलों में सुरक्षा संबंधी जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की। संघ ने समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द करने की मांग की। नगरीय व ग्रामीण क्षेत्र के निजी स्कूल संचालक व प्राचार्य मौजूद थे।
सारंगपुर. निजी स्कूल ने मांगों को लेकर मंगलवार को शहर के सभी निजी स्कूल बंद रखे। बंद शासन से मांगों को मनवाने के लिए किया था। साथ ही चेतावनी दी अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो 5 सितंबर से अनिश्चितकालीन स्कूल बंद रहेंगे। सारंगपुर प्राइवेट स्कूल एसो. सचिव गिरीश जोशी ने बताया 2 वर्ष से मप्र शासन निजी स्कूलों पर दमनकारी नीतियां लाद रहा है। आरटीइ के तहत अध्ययनरत गरीब बनने वाले बच्चों की फीस प्रतपूर्ति अव्यावहारिक बायोमेट्रिक सत्यापन लाकर बाधित कर दी। सत्र में ही 450 स्कूलों की मान्यता मप्र के अशासकीय स्कूल खासकर शहरी क्षेत्र के छोटे स्कूल व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल को बंद करने का खाका तैयार किया है। जोशी ने बताया प्राइवेट स्कूलों द्वारा शासन से अपील की जाती है कि आरटीइ के तहत गरीब बच्चों की पिछले 2 वर्षों की फीस प्रतिपूर्ति पुराने तरीके से की जाए।
सोयतकलां. शासन की दमनकारी नीतियों के विरोध स्वरूप अशासकीय विद्यालय संगठन प्रदेश के आह्वान पर नगर में मंगलवार को सभी निजी स्कूल बंद रहे। एसोसिएशन अध्यक्ष महिपालसिंह चौहान ने बताया संगठन के आह्वान पर स्कूल बंद रखे हैं। प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार मांगें पूर्ण नहीं की गई तो चरणबद्ध आंदोलन होगा।

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