scriptये दस लक्षण दिखें तो समझ जाइए कि व्यक्ति डिप्रेशन में है, ऐसे करें मदद | 10 common symptoms of depression and treatment tips | Patrika News
आगरा

ये दस लक्षण दिखें तो समझ जाइए कि व्यक्ति डिप्रेशन में है, ऐसे करें मदद

आज के दौर में पांच में से करीब चार लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं।

आगराDec 14, 2019 / 10:08 am

suchita mishra

Loneliness Harm Your Health By Depression, inflammation, Sudden Death

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आज के दौर में अवसाद एक आम समस्या बन चुकी है। पांच में से करीब चार लोग इस परेशानी से जूझ रहे हैं। बड़ों के साथ साथ ये समस्या बच्चों को भी अपनी जद में ले रही है। खास बात ये है कि जो लोग इस समस्या से जूझ रहे होते हैं, उन्हें खुद कभी भी इस बात का अहसास नहीं होता। ऐसे में उनके आसपास रहने वाले लोगों को सचेत रहकर उनकी मदद करनी चाहिए। यहां जानिए डिप्रेशन के कुछ ऐसे लक्षण जिनसे आप इस समस्या का अंदाजा लगा सकेंगे।
1- डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति या तो बहुत सोने लगता है या फिर उसको नींद न आने की परेशानी शुरू हो जाती है।

2- इस दौरान कुछ लोगों को कुछ भी खाने का मन नहीं करता है, वहीं कुछ लोगों को बहुत ज्यादा भूख लगने लगती है।
3- डिप्रेशन से जूझ रहे लोग किसी भी गलती का जिम्मेदार खुद को मानते हैं और अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते हैं।

4- अवसाद के दौरान कुछ लोगों का वजन बढ़ जाता है व कुछ का वजन घट जाता है। डिप्रेशन में इंसान के वजन में 5% का बदलाव हर महीने होता है।
5- लोगों को परिवार या दोस्तों के बीच भी अच्छा नहीं लगता। वे भीड़ में खुद को अकेला महसूस करते हैं।

6- बगैर मेहनत के भी थकान और सुस्ती महसूस होती है। शरीर में दर्द रहना और चेहरे पर थकान दिखना भी डिप्रेशन का सबसे बड़ा लक्षण है।
7- डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति हमेशा नेगेटिव बातें करते हैं और अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं।

8- ऐसे लोगों के दिमाग में एक साथ कई विचार चलते हैं, जिसके कारण वे एकाग्रता के साथ कोई काम नहीं कर पाते।
9- उन्हें छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आता है व कई बार दिल में खुदकुशी का खयाल भी आ जाता है।

10- ऐसे लोग खुद को कोसते रहते हैं और खुशी के मौकों पर भी दुखी रहते हैं।
ऐसे मदद करें
डिप्रेशन से शिकार व्यक्ति की बात सुनें, उसकी भावनाओं को समझें। उसे अपना सुझाव न दें और न ही बीच में टोकें। उसे मन की भड़ास बाहर निकालने दें। उसे बीमार मानते हुए उसके साथ प्यार से पेश आएं। जब उसे गुस्सा आए तो आप संयम से काम लें। उसे नियमित व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करें। तमाम कोशिशों के बाद भी मरीज की उदासी कम नहीं हो रही है तो उसे किसी एक्सपर्ट को दिखाएं।
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