शाहजहां और मुमताज की दिखाई गई थी असली कब्रें
1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते काफी खराब हो गए थे। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दोनों देशों के बीच के रिश्ते को सुधारने की कोशिश की थी। इसलिए भारत में शिखर वार्ता का आयोजन किया गया था। इस वार्ता के लिए आगरा शहर चुना गया था। हालांकि, आगरा में 15 और 17 जुलाई 2001 को हुई ये वार्ता नाकाम रही।
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आगरा आए परवेज मुशर्रफ और उनकी पत्नी को ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की असली कब्रें दिखाई गई थीं। ताजमहल की खूबसूरती को देखकर जनरल परवेज मुशर्रफ और उनकी पत्नी सबा ने इसकी बहुत तारीफ की थी।
इंदौर से आई थी बैटरी बस
आगरा में उस समय आज की तरह बैटरी बस नहीं चलती थी। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के लिए ताज में BHEL यानी Bharat Heavy Electricals Limited की बनाई गई बैटरी बस इंदौर से मंगाई गई थी। इसमें ही सवार होकर उन्होंने आगरा के इमारतों को देखा था।