— यूपी के आगरा में रहने वाली एसिड अटैक सर्वाइवर मां और बेटी की कहानी को मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल के लिए सेलेक्ट किया गया है।
पत्रिका न्यूज नेटवर्कआगरा। एसिड अटैक पीड़िताओं के मनोबल को बढ़ाने और उनके जीने की आधारशिला को मजबूत करने के उद्देश्य से ताजनगरी के एसिड अटैक सर्वाइवर मां और बेटी के संघर्ष की कहानी को मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। इस डॉक्यूमेंट्री को देखकर उनके जीवन के संघर्ष को महसूस कर सकेंगे। ऑस्ट्रेलिया के एक एनजीओ ने इन पर डॉक्यूमेंट्री बनाई है।
यह भी पढ़ें— हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से जीजा—साले और पिता की मौत शाहगंज क्षेत्र की हैं मां और बेटीआगरा के शाहगंज इलाके में रहने वाले इंद्रजीत नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी गीता के चेहरे पर तेजाब डालकर जला दिया था। उस समय पीड़िता की पुत्री नीतू 3 साल की थी। यह घटना वर्ष 1992 की है। इस हादसे में बेटी भी झुलस गई थी। इस घटना के बाद इंद्रजीत पत्नी और बेटी को चीखता चिल्लाता छोड़ गया था। बावजूद इसके पत्नी गीता ने हिम्मत नहीं हारी और जीवन के संघर्षो का सामना करते हुए बेटी को किसी तरह पाल पोषकर बड़ा दिया। जीवन के संघर्ष से गुजर रही गीता एसिड अटैक सर्वाइवर्स के लिए काम करने वाली संस्था छांव से जुड़ गई। बेटी बड़ी हुई और दोनों मां और बेटी शीरोज हैंगआउट कैफे में काम करने लगीं। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित एक एनजीओ ने इन पर डॉक्यूमेंट्री तैयार की है। अब इस डाक्यूमेंट्री को मेलबर्न में दिखाया जाएगा। गीता फिलहाल एनजीओ संचालक इम्मा मैके के साथ ऑस्ट्रेलिया में हैं। इम्मा मैके को बीबीसी की ओर से बेस्ट डाक्यूमेंट्री डायरेक्टर का अवार्ड भी मिल चुका है। बताया जाता है कि शनिवार को मेलबर्न में लॉकडाउन खत्म हुआ है। जल्द ही फिल्म समारोह की तारीख की घोषणा भी कर दी जाएगी।