ये भी पढ़ें – ऐसा बाजार आपने नहीं देखा होगा, जहां सड़क पर नहीं होती लोगों के लिए निकलने की जगह इसिलए मिला सम्मान
एडवोकेट अशोक चौबे को ये सम्मान उनके द्वारा भोजपुरी भाषा के लिए किए गए विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया। अशोक चौबे लम्बे समय से भोजपुरी भाषा के उत्थान एवं प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भोजपुरी भाषा के विभिन्न उत्सवों में हिस्सा ले चुके हैं। इस अवसर पर अशोक चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि इलाहाबाद संगम के लिए पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और इस समारोह में भी देश विदेश से आये प्रतिनिधियों का संगम हुआ है।
एडवोकेट अशोक चौबे को ये सम्मान उनके द्वारा भोजपुरी भाषा के लिए किए गए विभिन्न उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया। अशोक चौबे लम्बे समय से भोजपुरी भाषा के उत्थान एवं प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भोजपुरी भाषा के विभिन्न उत्सवों में हिस्सा ले चुके हैं। इस अवसर पर अशोक चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि इलाहाबाद संगम के लिए पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और इस समारोह में भी देश विदेश से आये प्रतिनिधियों का संगम हुआ है।
ये भी पढ़ें – जीटी रोड पर 6 मई से गरजेगा महाबली, फोरलेन का कार्य पकड़ेगा रफ्तार भाषाओं को बचाना है कर्तव्य
अधिवक्ता अशोक चौबे ने कहा कि भारत की हर भाषा को संजो कर रखना और उसे लुप्त होने से बचाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, क्योंकि भारत की एक पहचान भाषाओं से भी है। उन्होंने ये भी कहा कि उनका संघर्ष ब्रज भाषा एवं राजस्थानी भाषा को भी बोली क्षेत्र के आधार पर संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने तक जारी रहेगा, क्योंकि ये सभी भाषाएं भारत की एकता का प्रतीक हैं और समय समय पर लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य किया है।
अधिवक्ता अशोक चौबे ने कहा कि भारत की हर भाषा को संजो कर रखना और उसे लुप्त होने से बचाना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है, क्योंकि भारत की एक पहचान भाषाओं से भी है। उन्होंने ये भी कहा कि उनका संघर्ष ब्रज भाषा एवं राजस्थानी भाषा को भी बोली क्षेत्र के आधार पर संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने तक जारी रहेगा, क्योंकि ये सभी भाषाएं भारत की एकता का प्रतीक हैं और समय समय पर लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य किया है।