यह भी पढ़ें अयोध्या में राम मंदिर से पहले सीता माता का दर्द, देखें वीडियो होने लगी वाह-वाह कवि गोपाल दासनीरज की पत्नी डॉ. मनोरमा शर्मा की 11वीं पुण्यतिथि पर यह आयोजन किया गया। काव्य गोष्ठी का संचालन कर रहे सरदार मंजीत सिंह समय बचाना चाहते थे। उन्होंने ना-नुकुर की। जब श्रोताओं की ओर से मांग हुई तो अफजल मंगलौरी फिर से ध्वनि विस्तारक यंत्र पर आए और गजल सुनाई कि वाह-वाह होने लगी-
ए रूहे चमन जाने गजल तेरे बदन पर. खिलते हैं गुलाब और कमल तेरे बदन पर। वीडियो में सुनिए पूरी गजल। यह भी पढ़ें समाजवादी नेता डॉ. सीपी राय ने कहा- समाजवाद अमर, अंबानी, अमिताभ के बंगले में बैठा ठहाके लगा रहा था…, देखें वीडियो