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दबंगों ने दलित महिला का शव चिता से उठवाया, जानने के बाद कहेंगे उफ्फ

locationआगराPublished: Jul 27, 2020 03:05:35 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

-शवदाह में जातीय भेदभाव -मुखाग्नि देने के लिए खड़े मासूम को देखकर भी नहीं पसीजा किसी का दिल

दबंगों ने दलित महिला का शव चिता से उठवाया

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आगरा. कोरोना काल में जब हर तरफ आदमी संक्रमण से डरा हुआ है, ऐसे वक्त भी कुछ लोगों के दिमाग में जातीय भेदभाव हावी है। हद तो तब हो गई जब इन लम्बरदारों ने शवदाह में जातीय भेदभाव का एक क्रूर उदाहरण पेश किया। आगरा में एक दलित महिला का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। अचानक कुछ दबंग व्यक्तियों ने अंतिम संस्कार में बाधा डालते हुए चिता से शव को उठाने को मजबूर कर दिया है। पूछने पर बताया कि यह श्मशान उनका है, यहां दलित जाति के लोगों को शव नहीं फूंका जा सकता है। बेबस भुक्तभोगी ने इसे किस्मत मान कर दूसरे शवगृह का रास्ता किया और महिला का अंतिम संस्कार किया। पुलिस की जानकारी में जब यह बात आई तो उसने छानबीन शुरू की है। एसएसपी ने कहा दोषी के साथ सख्त कार्रवाई होगी।
आगरा के अछनेरा तहसील के अंतर्गत रायभा गांव में नट जाति के लोग रहते हैं। एक लम्बे समय से श्मशान घाट की जमीन को लेकर गांव के नट जाति का यहां के कुछ दबंगों से विवाद है। जब भी नट समाज के लोगों में किसी की मौत होती है तो अंतिम संस्कार पर विवाद होता है। 20 जुलाई को एक महिला की बीमारी से मौत हो गई। परिजन गांव के श्मशानघाट पर उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। छह साल का बच्चा अपने दादा के हाथ से आग लेकर अपनी मां की चिता के चक्कर लगा रहा था और मुखाग्नि देने वाला था। अचानक दबंग पहुंच गए और बच्चे पर बिना रहम किए बच्चे के हाथ से आग छीन ली। और विवाद कर चिता से शव को उठावा दिया और दूसरी जगह अंतिम संस्कार को जाने के लिए मजबूर किया। गांव में करीब सात श्मशान घाट हैं। जहां अलग-अलग जाति के लोग श्मशान घाट का प्रयोग करते हैं।
आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, इस प्रकरण के संज्ञान में आने के बाद सीओ अछनेरा को जांच सौंपी गई है। इसकी विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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