आगरा

आ गई है Diabetes रोकने की दवा, World Diabetes Day पर मधुमेह को लेकर होने जा रहा अनोखा आयोजन, देखें वीडियो

-World Diabetes Day 14 नवम्बर को, शहर के पार्कों में लगेंगे कैम्प-Agra Diabetic Forum बताएगा मधुमेह होने से कैसे रोका जा सकता है-प्रदूषण के कारण मधुमेह रोग विस्फोटक स्थिति में: डॉ. सुनील बंसल

आगराOct 31, 2019 / 01:59 pm

suchita mishra

Dr. Sunil Bansal

आगरा। मधुमेह (Diabetes) ऐसा रोग है, जो गेहूं में लगे घुन की तरह है। धीरे-धीरे शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है। आंखों तक की रोशनी छीन लेता है मधुमेह। मतलब जीवन में अंधकार ही अंधकार। जिन्हें मधुमेह है, वे तो इलाज करा रहे हैं, लेकिन जो मधुमेह रोगी होने की ओर हैं, वे क्या करें कि रोग न हो, इसे लेकर चिकित्सक (Doctors) मंथन कर रहे हैं। इस विषय पर आगरा डायबिटिक फोरम 14 नवम्बर, 2019 को पूरे शहर की जनता को जाग्रत करेगा। 14 नवम्बर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) है। हमने इस विषय पर आगरा डायबिटिक फोरम (Agra Diabetic Forum) के सचिव और डायबेटोलोजिस्ट डॉ. सुनील बंसल (Dr. Sunil Bansal) से बातचीत की।
पत्रिकाः आगरा डायबिटिक फोरम 14 नवम्बर को क्य करने जा रहा है?
डॉ. सुनील बसंलः शहर के 10 बड़े पार्क में चाय पर चर्चा करेंगे। लोग सुबह पार्क में घूमने आते हैं। इसीलिए सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक का समय रखा है। उस समय चिकित्सक मौजूद रहेंगे। वहां जो भी लोग होंगे, उनसे डायबिटीज से बचाव पर चर्चा करेंगे। जिन्हें डायबिटीज होने की संभावना है, उनसे बात करेंगे कि क्या दवा लें, क्या खान-पान में परिवर्तन करें कि डायबिटीज न हो। वहां मौजूद सभी लोगों की निःशुल्क डायबिटीज की जांच करेंगे। शुगर फ्री चाय भी दी जाएगी। इस तरह मॉर्निंग वॉक, नाश्ता और रोग से बचाव पर भी चर्चा एक साथ हो जाएगी।
पत्रिकाः डायबिटीज न हो, क्या इसकी कोई दवा है?
डॉ. सुनील बंसलः दवा अब आ गई है, लेकिन इसे देने की सीमा रेखा है कि किसे दें। ये उन्हें दी जाती है, जो हाईरिस्क वाले होते हैं या जिन्हें कभी भी डायबिटीज हो सकती है। सबको नहीं दे सकते हैं। यह दवा बिना चिकित्सक की सलाह के नहीं लेनी चाहिए।
पत्रिकाः डायबिटीज के बारे में कहा जाता है कि इसके मानक बढ़ाना दवा कंपनियों और चिकित्सकों द्वारा फैलाया गया षड्यंत्र है?
डॉ. सुनील बंसलः डायबिटीज के मानक बढ़ाने वाले भी हमारे बीच के लोग हैं। विभिन्न देशों में जो वैज्ञानिक हैं, वे मानव हित के लिए काम करते हैं। हमें उन पर विश्वास करना चाहिए। वॉट्सऐप की बातों का कोई मायने नहीं है।
पत्रिकाः डायबिटीज रोकने के लिए बहुत सारे आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार चलते हैं, इनमें क्या दम है?
डॉ. सुनील बंसलः वो एक सप्लीमेंट है, मेन लाइन ट्रीटमेंट नहीं है। डायबिटीज हो या न हो, तब भी आप कहते हैं कि फास्टफूड मत खाओ, चिकनाई मत खाओ। डायबिटीज नहीं है तब भी करेला खाइए, फायदा करता है। करेला खाने का मतलब यह नहीं है कि देशी उपचार हो गया। यह तो सामान्य जीवन शैली का हिस्सा है।
पत्रिकाः डायबिटीज होने पर क्या टहलना ही सर्वोत्तम उपचार है?
डॉ. सुनील बंसलः टहलना या व्यायाम एक है। इसमें परहेज, जीवन शैली, तनाव से बचना है, तम्बाकू से बचना है, शराब से बचना है, वजन कम रखना है, बहुत सारी चीजें करनी हैं।
पत्रिकाः क्या डायबिटीज होने में प्रदूषण का योगदान है?
डॉ. सुनील बंसलः आगरा ही नहीं, पूरे संसार में डायबिटीज का कारण प्रदूषण निकलकर आ रहा है। प्रदूषण से मतलब केवल हवा के प्रदूषण से ही नहीं है। कीटनाशक (पेस्टीसाइड), रासायनिक खाद, समुद्र, नदी, खेतों में प्लास्टिक घुल-घुलकर जा रहा है, प्रदूषित पानी भी डायबिटीज का बड़ा कारण है। ये माना जा रहा है कि पिछले 20 साल में मधुमेह का जो विस्फोट हुआ है, उसमें कहीं न कहीं प्रदूषण का हाथ है।

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