भूखे रहना डायटिंग नहीं :- नमिता छाबड़ा बताती हैं कि कुछ लोग पतले होने के चक्कर में खाना पीना छोड़ देते हैं। लेकिन भूखा रहना या खाना कम खाना डायटिंग नहीं कहलाता। बल्कि दिनभर भूखे रहने से शरीर में एनर्जी काफी कम हो जाती है, इसका शरीर पर विपरीत असर होता है। शरीर में कमजोरी तो आती ही है, साथ ही टेंशन के चलते शरीर में फैट और बढ़ने लगता है। यानी मोटापा कम होने के बजाय बढ़ने लगता है। वास्तव में खाने के भी कुछ नियम होते हैं, उनका पालन करते हुए सब कुछ खाइए जो आपको पसंद है, इससे आप खुद को जैसा बनाना चाहेंगे, वैसे बन जाएंगे।
दो-दो घंटे में खाएं :- नमिता छाबड़ा का कहना है कि हमें सब कुछ एक साथ नहीं खाना चाहिए। दिनभर में हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए उसके लिए इस डाइट को फॉलो कर सकते हैं।
-दिन की शुरुआत दो गिलास पानी से करें। पानी को धीरे-धीरे पिएं। -कुछ देर बाद चाय ले सकते हैं। ग्रीन टी या लेमन टी लेना ज्यादा अच्छा है। -दो घंटे बाद एक फ्रूट लें। हमेशा मौसमी फ्रूट लें और रोजाना रंग के हिसाब से अलग-अलग फल खाएं। कोई और मौसमी फल का जूस भी पी सकते हैं।
-लंच में दो चपाती, दाल, सब्जी, दही, चटनी, चावल वगैरह जो दिल करे वो सब कुछ खाएं। -सप्ताह में एक दिन लंच में खिचड़ी खाएं। -लंच के दो घंटे बाद शिकंजी, बेल का शर्बत, छाछ या कोई ड्रिंक लें या फिर सलाद, सैंडविच, पोहा वगैरह ले सकते हैं।
-डिनर में कोई भी मौसमी सब्जी और चपाती लें। सब्जी अधिक खाएं। रात में सोते समय एक कप बगैर मलाई वाला दूध लें। -यदि किसी दिन जंकफूड, फास्टफूड आदि कुछ खाना चाहते हैं तो उसे घर में ही बनाएं। बाहर का खाना कम से कम खाने की कोशिश करें।
– अगले दिन सिर्फ फल, जूस और उबली सब्जियां लें ताकि शरीर बैलेंस हो जाए। एक्सरसाइज जरूरी :- डायटीशियन का कहना है कि शरीर को फिट रखने में 60 फीसदी डाइट और 40 फीसदी शारीरिक परिश्रम की भूमिका होती है। आजकल लोग लैपटॉप पर घंटों काम करते हैं। ऐसे में मानसिक काम का बोझ बढ़ गया है, वहीं शारीरिक परिश्रम खत्म हो गया है। परिश्रम न करने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ती जाती है, और शरीर बेडौल हो जाता है। इसे फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। रोजाना सुबह कम से कम आधे से एक घंटा व्यायाम के लिए निकालें और शाम को डिनर के बाद करीब 20 मिनट टहलें। सुचिता मिश्रा