इस मामले में जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश वर्मा का किसानों से कहना है कि टिड्डी दल दिखने पर फौरन हेल्पलाइन नंबर 0522-2732063 पर संपर्क कर जानकारी दें। कृषि विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञों की देखरेख में आगरा की सीमा से सटे गांवों में ट्रैक्टर के जरिए कीटनाशक दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। इसी के साथ अपने स्तर पर भी बचाव की पूरी तैयारी करके रखें। टिड्डियों का समूह दिनभर हवा की रफ्तार से भागता है और शाम के छह-सात बजे जमीन पर बैठ जाता है। सुबह आठ बजे के बाद खेतों को खाने में जुट जाता है। लिहाजा किसान एक साथ रात्रि के समय जब यह दल विश्राम करें। तभी कीटनाशक रसायनों का छिड़काव करें।
बचाव के लिए कारगर उपाय :- – खेतों में एक साथ मिलकर आग जलाकर पटाखे फोड़ें। – बलुई मिट्टी वाले खेत टिड्डी दल की पसंद हैं। ये हमेशा बलुई मिट्टी में अंडे देता है, ऐसे में इन खेतों को खाली न रहने दें, जोत दें।
– खेतों में पानी भर दें, जिससे प्रजनन और अंडे देने की कोई गुंजाइश न रहे। – थाली-खाली टिन को जोर से पीटें, ढोल नगाडे़ बजाकर तेज आवाज करें, इससे भी ये कीट भाग जाता है।