आगरा उत्तर से भारतीय जनता पार्टी की टिकट विधायक चुनने के बाद पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पहली बार तीन बड़े ऐलान किए हैं।
purushottam Khandelwal
आगरा। आगरा उत्तर से भारतीय जनता पार्टी की टिकट विधायक चुनने के बाद पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने पहली बार तीन बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक जलनिकासी की उचित व्यवस्था नहीं होगी, तब तक सड़क निर्माण नहीं होने देंगे। उन्होंने आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक कार्य पर रोक का विरोध किया है। यह भी कहा कि अवैध कॉलोनियों को वैध कराकर विकास किया जाए। दोष कॉलोनाइजर का है, जनता का नहीं।
निर्माण तभी होगा, जब जलभराव समाप्त हो जाएगा पत्रिका से बातचीत में पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि आगरा में जलभराव बड़ी समस्या है। अभी सड़क या खरंजा बनेगा और पहली बारिश में ही उखड़ जाएगा। यह जलभराव के कारण होता है। इसके चलते आगरा बर्बाद हो रहा है। पैसा बेकार जा रहा है। इसलिए तय किया है कि निर्माण तभी होगा, जब जलभराव समाप्त हो जाएगा। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शौचालय बनवा दिए तो हम जलनिकासी की उचित व्यवस्था क्यों नहीं कर सकते हैं।
IMAGE CREDIT: purushottam khandelwal l अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जाए उन्होंने बताया कि आगरा का संकट है अनधिकृत कॉलोनियां। इनके बारे में कोई विभाग सुनने को तैयार नहीं है। जो कॉलोनी 30-40 साल पुरानी हैं, उनके बारे में कुछ सोचना चाहिए। वहां नागिरक रहते हैं, नगर निगम टैक्स ले रहा है। पहली बात तो ये है कि कॉलोनियां बनने ही क्यों दी गईं। बन गई हैं तो विकास कीजिए। वहां पर भारत का नागरिक रह रहा है। ऐसी अनेक कॉलोनियां हैं, जिनका विकास शुल्क आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को दिया जा चुका हैं। एडीए इन्हें अपने अधीन क्यों नहीं ले रहा है? विधानसभा चुनाव में जनसंपर्क के दौरान यह स्थिति देखने को मिली। उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था के लिए नागरिक जिम्मेदार नहीं है। नागरिकों से कार्यालय के चक्कर मत काटवाओ।
आवासीय कॉलोनियों में व्यावसायिक कार्य पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने बताया कि कमला नगर, आवास विकास कॉलोनी, ट्रांस, यमुना कॉलोनी आवासीय हैं। यहां व्यावसायिक काम भी हो रहा है। कमलानगर तो पिछले 40 साल से व्यावसायिक हब है। इसे बंद कैसे कर सकते हैं? बाहर के लोग कमलानगर खरीदारी करने आ रहे हैं। सरकार का नीतिगत निर्णय होना चाहिए। प्रशासन को इंतजार करना चाहिए। इन कॉलोनी में नवनिर्माण रोक सकते है, लेकिन पुराना निर्माण प्रशासन की आँखों के सामने हुआ है। उसका हर्जा-खर्चा क्या प्रशासन देगा। अवैध निर्माण के नाम पर ब्लैकमेलिंग होती है। 10 फीसदी शिकायतें जायज भी होती हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन नागरिकों के प्रति संवेदना रखे।