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पीएम साहब! इन दस समस्याओं के निवारण की आस लगाए बैठे हैं आगरावासी, बेसब्री से कर रहे हैं आपका इंतजार

locationआगराPublished: Jan 04, 2019 04:48:15 pm

Submitted by:

suchita mishra

नौ जनवरी को आगरा में पीएम नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली है।

आगरा। नौ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित रैली है। उनके आगमन के लिए प्रशासन दिन और रात तैयारियां करने में जुटा है। सीएम योगी भी शुक्रवार को पीएम आगमन के लिए तैयारियों का जायजा लेने आगरा आए हैं। प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी दूसरी बार आगरा आ रहे हैं, वो भी तब जब 2019 के लोकसभा चुनाव करीब हैं। ऐसे में आगरावासी भी पीएम मोदी से बड़ी आस लगाए बैठें हैं और बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री उनके शहर की समस्याओं को भी सुनें और उनका समाधान कराएं। ये हैं आगरा की प्रमुख दस समस्याएं।
सफाई व्यवस्था
पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी लिहाजा इस समस्या के समाधान की लोगों को बहुत उम्मीदें हैं। आगरा में स्वच्छ भारत अभियान का असर दिखाई नहीं देता। केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री के जे अल्फोंस भी शहर को स्लम बता चुके हैं। यहां झाडू लगाने और कूड़ा उठाने में भी लापरवाही बरती जाती है।
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट
लंबे समय से कुबेरपुर में निजी कंपनी द्वारा 400 करोड़ की लागत से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने की बात कही जा रही है। यहां 500 मीट्रिक टन कूड़े से बिजली पैदा की जाएगी। लेकिन अब तक इसे ताज ट्रिपोजियम जोन अथॉरिटी से स्वीकृति नहीं मिली है। लिहाजा ये प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में है।
गंगाजल प्रोजेक्ट
शहर में गंगाजल पहुंच तो गया है लेकिन अभी तक लोगों को इसकी आपूर्ति शुरू नहीं हुई है। अधिकांश पाइप लाइन जर्जर हैं।

स्मार्ट सिटी
एक हजार करोड़ की कीमत से यहां स्मार्ट सिटी विकसित होनी है। लेकिन कार्य बेहद धीमी गति से हो रहा है।
ताज बैराज
ताज बैराज पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। प्रस्ताव जरूर बना है, लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति अभी तक नहीं मिली है।

बेसहारा जानवर
शहर में बंदर और अन्य बेसहारा जानवर लोगों के लिए मुसीबत बने हैं। आए दिन बंदर लोगों पर हमला बोलते हैं। वहीं सड़क पर घूम रहे आवारा पशु दुर्घटना का कारण बनते हैं।
अवैध निर्माण
अवैध निर्माण का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। यह संख्या दस हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है। इसे रोकने में एडीए पूरी तरह नाकाम है।

महिला सुरक्षा
शहर में अपराधी बेखौफ हो रहे हैं। आए दिन महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं। इन्हें रोकने व महिला सुरक्षा के कोई भी ठोस इंतजाम दिखाई नहीं देते।
बटेश्वर का विकास
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर अब भी उपेक्षा का शिकार है। उसका विकास नहीं हुआ है। जो भी प्रस्ताव हैं वो सिर्फ फाइलों में ही कैद हैं।
सिविल एंक्लेव
सिविल एंक्लेव के लिए जमीन का अधिग्रहण तो हो चुका है लेकिन पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति अभी तक नहीं मिली है।

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