पॉश कॉलोनी से लेकर बस्तियों में रात 10 बजे के बाद बम पटाखे और लड़ी की आवाज तेज होती गई, रात 12 बजे तक बम पटाखे चलते रहे। इससे एक्यूआई खराब स्थित में पहुंच गया, रात 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 275 दर्ज किया गया, इसका सामान्य स्तर 50 है। वायु प्रदूषण बढ़ने से ह्रदय और अस्थमा रोगियों को बेचेनी होने के साथ ही सांस फूलने लगी। बम पटाखों की ध्वनि भी 120 डेसिबल से ज्यादा रही, इससे कान का पर्दा फटने का डर रहता है। वहीं लगातार तेज ध्वनि में रहने से सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है।
दीवाली के दिन बम पटाखे केवल रात आठ बजे से 10 बजे के बीच छोड़े जा सकेंगे। क्रिसमस और नए साल के मौके पर फायरक्रैकर्स रात 11.55 से रात 12.30 तक ही छोड़े जा सकेंगे। केवल वही पटाखे बेचने और छोडने की अनुमति होगी, जो कम धुआं और प्रदूषण फैलाएं। इन पटाखों को केवल लाइसेंसी दुकान से खरीदा जा सकेगा। इन आदेशों की जमकर धज्ज्यिां उड़ाई गई। शहर में कहीं भी पुलिस ने पटाखों पर एक्शन नहीं लिया। लगातार पटाखे चलने से हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई।