शनिवार की सुबह धुंध और धूल भरी हवाओं के साथ हुई। दिन चढ़ने के साथ धुंध कुछ छटी तो धूल के गुबार ने आसमान को घेर लिया। हवा में धूल के कण अधिक होने से लोगों को सांस लेने में मुश्किल हुई। अस्थमा के मरीजों के लिए ये हालात बहुत कष्टदायक रहे। ताजनगरी में पार्कों में सैर करने वाले भी घुटन से परेशान देखे गए। धूल के कारण शहर की हवा में प्रदूषण की बढ़ोत्तरी भी देखी गई। लोगों को आंखों में जलन हुई तो सांस लेने में भी तकलीफ महसूस हुई।
शनिवार को संजय प्लेस में लगे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग मशीन में सुबह आठ बजे 273 एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) थी। ये स्वास्थ्य के लिए सबसे हानिकारक श्रेणी में शामिल है। वहीं सुबह दस बजे 347 एक्यूआई थी। खतरनाक श्रेणी में शामिल है एयर क्वालिटी के चलते लोग परेशान दिखे। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सतेंद्र पाल सिंह राघव का कहना है कि राजस्थान से चलने वाली गर्म हवा के कारण ये परेशानी बढ़ी है। मौसम पिछले पंद्रह दिनों से बदल रहा है। कभी तेज हवाएं और बारिश होने लगती है तो कभी तेज धूप के कारण तपिश अधिक बढ़ जाती है। न्यूनतम तापमान की वृद्धि ने शहरवासियों को बैचेन कर रखा है।
पिछले 11 अप्रैल को कम वायु दाब क्षेत्र के कारण ही 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चली थी। आधी व बारिश करोड़ों रुपये की हानि हुई थी।