मैनपुरी और आजमगढ़ में मिली थी सपा को जीत
रामसहाय यादव को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2012 के विधानसभा चुनाव में मथुरा जिले का प्रभारी बनाया गया था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रभारी के रूप में बागपत और आजमगढ़ में भेजा। जब उपचुनाव मैनपुरी हुआ तो वहां उन्हें भेजा गया। मैनपुरी और आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी ने भाजपा को करारी पटखनी दी थी। वहीं 2017 में विधानसभा के चुनावों में मैनपुरी, अयोध्या, अंबेडकर नगर भदोही जैसे जिलों में प्रभारी के रूप में भेजा गया। वहीं अब राजस्थान जैसे प्रदेश में प्रभारियों की लिस्ट में जगह दी गई है। इससे समाजवादी पार्टी खेमे में उत्साह है।
रामसहाय यादव को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2012 के विधानसभा चुनाव में मथुरा जिले का प्रभारी बनाया गया था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रभारी के रूप में बागपत और आजमगढ़ में भेजा। जब उपचुनाव मैनपुरी हुआ तो वहां उन्हें भेजा गया। मैनपुरी और आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी ने भाजपा को करारी पटखनी दी थी। वहीं 2017 में विधानसभा के चुनावों में मैनपुरी, अयोध्या, अंबेडकर नगर भदोही जैसे जिलों में प्रभारी के रूप में भेजा गया। वहीं अब राजस्थान जैसे प्रदेश में प्रभारियों की लिस्ट में जगह दी गई है। इससे समाजवादी पार्टी खेमे में उत्साह है।
राजस्थान और मध्यप्रदेश में सपा पेश करेगी बड़ी चुनौती
रामसहाय यादव को राजस्थान और मध्यप्रदेश में जगह देने के बाद यहां समाजवादी पार्टी बड़ी चुनौती पेश करने के लिए बेताब है। भारतीय जनता पार्टी से इन दिनों सवर्ण समाज एससी एसटी एक्ट को लेकर खासा आक्रोशित है। वहीं समाजवादी पार्टी चुनावों में भाजपा सरकार के झूठे वादों को जनता के बीच रखकर चुनौती दे रही है।
रामसहाय यादव को राजस्थान और मध्यप्रदेश में जगह देने के बाद यहां समाजवादी पार्टी बड़ी चुनौती पेश करने के लिए बेताब है। भारतीय जनता पार्टी से इन दिनों सवर्ण समाज एससी एसटी एक्ट को लेकर खासा आक्रोशित है। वहीं समाजवादी पार्टी चुनावों में भाजपा सरकार के झूठे वादों को जनता के बीच रखकर चुनौती दे रही है।