आंबेडकर की दो प्रतिमाओं का क्या काम इस विवाद में कूद पड़ा है पं. दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान। संगठन का कहना है कि यदि प्रशासन द्वारा नगर निगम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित न की या अनुमति न दी तो आमरण अनशन किया जाएगा। पूरी शक्ति के साथ आंदोलन करेंगे। संगठन का कहना है- आगरा नगर निगम के एक ही परिसर में डॉ. भीमराव आंम्बेडकर की स्थापित दो आदमकद प्रतिमाओं का कोई औचित्य नहीं है। डॉ भीमराव आम्बेडकर की अनावश्यक लगी दूसरी खंडित पुरानी प्रतिमा के स्थान पर पं. दीनदयाल उपाध्याय की आदमकद भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए। प्रशासन प्रतिमा लगवाने की शीघ्र ही व्यवस्था करे। यदि प्रशासन प्रतिमा लगवाने में असमर्थ है तो हम उनके अनुयायी अपने खर्चे पर नगर निगम व वर्णित स्थालों पर उनकी भव्य प्रतिमा लगवाएंगे।
दीनदयाल की वजह के संवैधानिक पदों तक पहुंचे हैं पं. दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान प्रभारी आगरा मण्डल एवं जिला अध्यक्ष आगरा श्रीभगवान शर्मा, जिला महामंत्री सत्यप्रकाश लवानियां, जिला उपाध्यक्ष दीपक मंगल, जिला उपाध्यक्ष अनूप शर्मा ने का कहना है कि जो भाजपाई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगाने का विरोध कर रहे हैं, वे सच्चे भाजपाई हो ही नहीं सकते। वे वास्तव में भटक गए हैं। याद रखना चाहिए कि जनसंघ (वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी) के संस्थापक महानायक पं. दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धान्तों के कारण ही इस संवैधानिक पद तक पहुँचे हैं। एकात्म मानववाद के लिए सरलता और सादगी के साथ सर्वस्व बलिदान कर अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। आज उन्हीं के जीवन सर्मपण की वजह से हम यहाँ तक पहुँचे है। उनका योगदान विदेशी विलासिता में पले-पढ़े किसी महान पुरुष से कम नहीं हैं।
हर कार्यालय में लगे तस्वीर श्रीभगवान शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा गया है। उनसे आग्रह किया गया है कि उपयुक्त सार्वजनिक स्थालों को चयनित कराकर सम्पूर्ण देश, प्रदेश, जनपद और प्रत्येक शहर में पं. दीनदयाल उपाध्याय की भव्य प्रतिमा लगाई जाए। उनका चित्र प्रत्येक सरकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से लगवाने का शासनादेश जारी करें।