माता पिता की तलाश इन दो सहेलियों को अमेरिका से आगरा ले आई
अमेरिका से आईं दो युवतियां कर रही हैं अपने माता पिता की तलाश

आगरा। सात समंदर पार से अपने माता पिता को तलाशने के लिए दो युवतियां आगरा पहुंची हैं। अमेरिका से आईं दो युवतियों के माता पिता गुम हैं। युवतियों ने बताया कि कानपुर के चैरिटी ऑफ मिशनरीज के अनाथालय से 1975.76 में कानपुर अनाथ बच्चों को दिल्ली स्थित मुख्य शाखा में ले जाया गया। यहां से दो बालिकाओं को अमेरिका के परिवार ने गोद लिया। यह 43 साल पहले की बात है। इसमें से एक बालिका का नाम रबैका निर्मला पीकॉक वाशिंगटन में रहती है। स्टेफ़नी कृपा कूपर साउथ कैरोलिना में एन जी ओ भी चला रही है।
कानपुर में तलाश के बाद आगरा पहुंचीं युवतियां
रबैका और स्टेफनी की मुलाकात सोशल साइट से हुई थी। ये दोनों कानपुर के एक ही अनाथालय से थीं। इन दोनों ने भारत में आकर अपने माता पिता की तलाश करने का प्लान बनाया और अमेरिका से कानपुर आ गईं। कानपुर के उस अनाथालय पहुंचीं जहां यह बचपन में रही थी और अपने माता पिता के बारे में जानने की कोशिश की। इसके बाद यह दोनों कानपुर नगर निगम भी गई और महापौर प्रमिला पाण्डेय से मिली और उनसे भी मदद मांगी थी। बताया गया है कि ये अमेरिका में रहती है लेकिन इनका जन्म भारत में ही हुआ है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है की इनके माता पिता इन्हें अनाथालय में छोड़कर चले गए। लेकिन इनका भाग्य अच्छा था जो इनको अमेरिका में रहने वालों ने गोद ले लिया। वहीं सिस्टर एरिना जो की शिशु भवन में असिस्टेंट इंचार्ज है, उनका कहना है की यह दोनों शिशु भवन आई थीं और अपने माता पिता के बारे में पूछ रही थीं। बचपन में कैसे आई हमको पता नही है यंहा से उनको दिल्ली भेजा गया वंहा से उनको गोद लिया गया जंहा से वो अमेरिका गए । जो बच्चे यंहा आते है हम लोग उनका रिकॉर्ड रखते है और यहां से ट्रांसफर करते है दिल्ली और आगे का रिकॉर्ड हम लोग बता नहीं सकते है। सन् 1975 में इनको यहां से भेजा गया था। अमेरिका से कानपुर और अब आगरा आईं दोनों युवतियां अपने माता पिता की तलाश कर रही हैं। ये होटल डबल ट्री बाई हिल्टन, आगरा में ठहरी हुई हैं।
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