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दूध और चाय के साथ न खाएं आयरन की गोली, पढ़िए क्या करना चाहिए

locationआगराPublished: Sep 09, 2019 06:41:04 pm

-हरी सब्जियां खाएं और एनिमिया दूर भगाएं-आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हुआ किशोरी दिवस का आयोजन-किशोरियों के हीमोग्लोबिन और वजन की जांच

दूध और चाय के साथ न खाएं आयरन की गोली, पढ़िए क्या करना चाहिए

दूध और चाय के साथ न खाएं आयरन की गोली, पढ़िए क्या करना चाहिए

आगरा। हरी सब्जियां खाएं एनीमिया (Anemia) दूर भगाएं। इसी नारे के साथ जनपद के सभी आंगनबाड़ी (Anganwadi) केन्द्रों पर सोमवार को किशोरी दिवस का आयोजन किया गया। शहर के गढ़ी भदौरिया स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र पर किशोरियों के हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) और वजन (Weight) की जांच की गई। जिन किशोरियों में हीमोग्लोबिन कम पाया गया उन किशोरियों को आयरन की गोलियों के साथ ही बेहतर पोषण की जानकारी दी गई। इस दौरान आयरन की गोलियां और सेनिटरी नैपकिन का निशुल्क वितरण श्री निरौती लाल बौद्ध संस्थान द्वारा किया गया।
दूध और चाय के साथ न खाएं आयरन की गोली, पढ़िए क्या करना चाहिए
पालक, मैथी, बथुआ, सरसों, गुड़ खाने की सलाह
कार्यक्रम के दौरान एएनएम ने किशोरियों के खून की जांच की। जिन किशोरियों में हीमोग्लोबिन का स्तर कम पाया गया, उन्हें भोजन में पालक, मैथी, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढाए जाने के लिए सलाह दी गयी। उन्हें बताया गया कि इन आयरन की गोली खाने के साथ-साथ इन सभी हरी सब्जियों का सेवन करें, इनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है। किशोरियों को जानकारी दी गयी कि अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाएं।
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विटामिन सी युक्त आहार के साथ खाएं गोली
जिला कार्यक्रम अधिकारी साहब यादव ने बताया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर किशोरी दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान 11 से 14 वर्ष की सभी किशोरियों की ऊंचाई व वजन की माप और खून की जांच की गई। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने केन्द्र पर आयी किशोरियों का वजन के साथ उसकी माप ली और एएनएम ने हीमोग्लोबिन की जांच की। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया अधिकतर महिलायें व किशोरियां आयरन की गोलियों का सेवन दूध व चाय के साथ करती हैं, जो गलत है। गोलियों का सेवन विटामिन सी युक्त आहार के साथ किया जाना चाहिए।
सेनिटरी नैपकिन का उपयोग न करने से कैंसर
कार्यक्रम के दौरान सुपरवाइजर आरती और अलका ने किशोरियों को सेनिटरी नैपकिन के उपयोग करने के फायदे के बारे में बताया। आंगनबाड़ी कार्यकत्री कार्यक्रम में शामिल श्री निरौती लाल बौद्ध संस्थान के रवि कश्यप ने बताया कि सेनिटरी नैपकिन का उपयोग न करने से कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है। एक सर्वे के अनुसार सेनिटरी नैपकिन का उपयोग न करने वाली 27 प्रतिशत महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले प्रकाश में आये है। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर आरती गुप्ता, अलका, आंगनबाड़ी सवित्री, देवकुमारी, महादेवी, सहायिका प्रेमा, एएनएम हेमलता, आशा मनीशा सहित किशोरियां और महिलायें मौजूद रही।
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