आगरा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की जिलाध्यक्ष मंजू सिनसिनेवार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 2017 में आगरा में रैली करने आए थे तब उन्होंने सोचा था कि वे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के लिए बड़ी घोषणा करेंगे। लेकिन, अब चुनावी फायदे के चलते महज 1500 रुपये मानदेय बढ़ाने की घोषणा की है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री चाहती हैं कि उन्हें उन्हें 18 हजार रुपये का वेतनमान दिया जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांग है कि मुख्य सेविकाओं के सभी रिक्त पदों पर सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को योग्यता के आधार पर मुख्य सेविका के पद पर नियुक्त किया जाए। आंगनबाड़ी को 18000 रुपये और सहायिकाओं को नौ हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की बीएलओ निर्वाचन और गैर आईसीडीएस कार्यों में डयूटी न लगाई जाए। वहीं केंद्रों पर भी प्राथमिक विद्यालय की भांति ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश घोषित किया जाए। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के 28.4.1995 के शासनादेश में है कि दस वर्ष की सेवा पूरी करने पर बिना किसी शर्त के मुख्य सेविका के पद पर उनका प्रमोशन किया जाए। जिलाधिकारी से बाल विकास सचिव के आदेश का पालन कराया जाए। प्रदेश सरकार इन नियमों को तोड़मरोड़कर मैरिट व्यवस्था लागू कर नियुक्तियां कर रही है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं की मृत्यु के बाद उनके परिवार की आश्रित महिला को योग्यता के अनुसार नियुक्त किया जाए। कार्य दिवस के समय मृत्यु होने पर दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।