दो माह से नहीं मिला खाना
पूर्व में आंगनबाड़ी केन्द्र पर खाना बनाने की व्यवस्था थी। हर दिन अलग अलग मैन्यू के हिसाब से खाना बच्चों को परोसा जाता था, लेकिन फिर बदलाव और इन बच्चों को पोषक आहार देने की जिम्मेदारी अक्षय पात्र नामक संस्था को सौंप दी गई। दिसंबर माह के अंत में ये व्यवस्था भी समाप्त हो गई। अब इन बच्चों को पोषक आहार के नाम पर सिर्फ पंजीरी परोसी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बर्फी देवी ने बताया कि दिसंबर के बाद से यहां भोजन नहीं आया है।
पूर्व में आंगनबाड़ी केन्द्र पर खाना बनाने की व्यवस्था थी। हर दिन अलग अलग मैन्यू के हिसाब से खाना बच्चों को परोसा जाता था, लेकिन फिर बदलाव और इन बच्चों को पोषक आहार देने की जिम्मेदारी अक्षय पात्र नामक संस्था को सौंप दी गई। दिसंबर माह के अंत में ये व्यवस्था भी समाप्त हो गई। अब इन बच्चों को पोषक आहार के नाम पर सिर्फ पंजीरी परोसी जा रही है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बर्फी देवी ने बताया कि दिसंबर के बाद से यहां भोजन नहीं आया है।
ये मिली जानकारी
पत्रिका टीम आंगनबाड़ी केन्द्र महुअर पर सुबह 9.30 बजे पहुंची। बच्चे यहां मौजूद थे। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ती इनकी देखभाल कर रहीं थीं। पत्रिका टीम के सदस्य को देखकर वे चौंक गईं। जानकारी ली उसके बाद बातचीत करने के लिए राजी हुईं। उन्होंने अपना नाम बर्फी देवी बताया। साथ ही बताया कि दो माह से खाना नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से भी क्या शिकायत करें, ये खाना तो पूरे ब्लॉक अछनेरा के आंगनबाड़ी केन्द्रों को नहीं मिल रहा है।
पत्रिका टीम आंगनबाड़ी केन्द्र महुअर पर सुबह 9.30 बजे पहुंची। बच्चे यहां मौजूद थे। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ती इनकी देखभाल कर रहीं थीं। पत्रिका टीम के सदस्य को देखकर वे चौंक गईं। जानकारी ली उसके बाद बातचीत करने के लिए राजी हुईं। उन्होंने अपना नाम बर्फी देवी बताया। साथ ही बताया कि दो माह से खाना नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से भी क्या शिकायत करें, ये खाना तो पूरे ब्लॉक अछनेरा के आंगनबाड़ी केन्द्रों को नहीं मिल रहा है।
ये बोले बच्चे
पत्रिका टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर मौजूद बच्चों से भी बात की। मासूम बच्चे बड़ी ही बेताबी के साथ कैमरे की ओर देख रहे थे। यहां मौजूद 5 वर्षीय मासूम कृष्णा से जब पूछा कि खाने में क्या मिलता है, तो तुतलाती जुबान से उसने जवाब दिया पंजीरी। पूछा गया कि पेट भर जाता है, तो बोला हां भर जाता है। वहीं मासूम वंदना ने बताया कि कई दिनों से सिर्फ पंजीरी मिल रही है।