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बड़े उद्योगपति ने जब बोला धन कभी बंद तिजोरी का भाग नहीं होना चाहिये, क्योंकि…

locationआगराPublished: Oct 17, 2018 08:30:33 pm

अंत्योदय अन्नपूर्णा योजना के शुभारंभ अवसर पर आगरा के बड़े जूता उद्योगपति पूरन डाबर ने कहा कि अपने आप में हर व्यक्ति एक संस्था है।

puran dawar

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आगरा। अंत्योदय अन्नपूर्णा योजना के शुभारंभ अवसर पर आगरा के बड़े जूता उद्योगपति पूरन डाबर ने कहा कि अपने आप में हर व्यक्ति एक संस्था है। धन कभी बंद तिजोरी का भाग नहीं होना चाहिए। धन समाज के काम आना चाहिए। समाज सेवा का कार्य लांग टर्म प्लान है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा का कार्य जन्म जन्मांतर के साथ जाता है। बिना पूंजी के समाज और देश का उत्थान नहीं कर सकते, लेकिन इसका ये अर्थ नहीं है कि धन गलत तरह से कमाया जाए। अध्यात्म का सही विश्लेष्ण करना जरूरी है।
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119 वें स्थान पर भारत
पूरन डावर ने बताया कि 9 वर्ष पूर्व भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 119 वें स्थान पर है। 19 करोड़ लोग आज भी भारत के भूखमरी के कगार पर हैं। सम्पूर्ण विश्व का 25 प्रतिशत हिस्सा भारत में भूखमरी के कगार पर है । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि गरीब लोगों के लिए अन्न ही भगवान है। पूरन डाबर ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि समाज की आखिरी पंक्ति पर बैठे व्यक्ति के पास सेवा नहीं होगी तब तक देश का संपूर्ण विकास नहीं होगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सम्पूर्ण विश्व में हर क्षेत्र में कार्य करता है। सेवा भारती के तमाम प्रकल्प हैं, जिसमे आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है।
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ये है योजना
पूरन डावर ने कहा कि अभी केवल पांच वैन सुचारू रूप से चलें, इसी आधार पर पहले साल 12 वैन चलाने की योजना है और आगे चलकर प्रतिदिन 15000 लोगों को भोजन देने की योजना है। योजना में किसी प्रकार का लोग सहयोग दे सकते हैं। भोजन की कीमत केवल 10 रुपये आती है, बाकी सारी खर्चा यातायात, सेवा आदि में जाता है। पूरन डावर ने कहा कि इस योजना से भूखमरी के कगार पर लोगों को अन्न उपलब्ध कराना और उसके बाद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना है। इसमें साइकिल टी से रोजगार मिल सकता है।
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किसी काम को ना समझें छोटा
उन्होंने कहा कि भारत का हर नौजवान स्नातक करने के बाद सरकार पर निर्भर हो जाता है और कार्य को छोटा समझता है। मैकडोनाल्ड बड़ा ब्रांड छोटे से बना है। जूते के काम में एक जाति विशेष ही आती थी। आज उच्च वर्ग के लोग भी आ रहे हैं, जो उद्योगपति कहलाते हैं। छोटे छोटे काम ही बड़े बड़े बनते हैं। उबर में आज मर्सडीज के मालिक भी ड्राइवर हैं। भारत में ही लोग काम को छोटा समझते हैं। विदेशों में छोटे काम को भी बड़ा समझते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पकौड़ाब्रांड की तारीफ की, यदि पढ़े लिखे आज पकोड़े का काम करेंगे तो maikdonaad से भी बड़ा ब्रांड बन सकता है।
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