देश की धरोहर को रजिस्ट्रेशन के जरिए एएसआई निगरानी में लाना चाहती है। एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि इस अभियान के तहत 100 साल के अधिक पुरानी नायाब वस्तुओं को संरक्षित व संकलित किया जा रहा है। 100 साल पुरानी वस्तु जैसे कोई कलाकृति, कोई धातु की मूर्ति या पत्थर, कोई पुरानी हस्तलिखित पांडुलिपि शामिल हैं। हालांकि इस अभियान में पुराने सिक्के, हथियार और गहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा।
भारतीय पुरातत्व अधिनियम 1976 के सेक्शन 14 के अनुसार, पुरामहत्व की वस्तुओं को बिना पंजीकरण कोई भी अपने पास रखता है तो यह अपराध माना जायेगा। इसके तहत 6 माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। अभियान में पंजीकरण निशुल्क किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति नायाब वस्तुओं की तस्करी करते हुए पाया जाता है तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी।