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दस सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना
धरना स्थल पर गुरुवार को हुई बैठक में जनपद मंत्री सुनीता दुबे ने बताया कि दस सूत्रीय मांगों को लेकर आशा बहू संघ के बैनर तले आशा कार्यकर्ता सीडीओ कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना दे रही हैं। सुनीता दुबे ने कहा कि कार्यकर्ताओं की समस्याएं बेहद पुरानी हैं। शासन प्रशासन ने अभी तक आशा कार्यकर्ताओं के निदान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। हाल ही के दिनों में कई संगठनों का मानदेय बढ़ा दिया गया लेकिन, आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। पदाधिकारियों की मांग है कि आशा बहुओं का मानदेय कम से कम दस हजार रुपये प्रति माह सरकार नियत करें। वहीं आशा कार्यकर्ताओं के कार्यकाल को 60 साल किया जाए। आशा कार्यकतार लगातार विभाग का काम करती है और दुर्घटना का रिस्क रहता है। इसलिए उन्हें दुर्घटना बीमा कम से कम पांच लाख किया जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं को प्रसवकालीन अवकाश, मृतक आश्रित कोटा लागू करने, कार्यकर्ताओं से केवल स्वास्थ्य सेवाएं लेने, ड्रेस देने, रात्रि में डिलीवरी के समय स्वास्थ्य केंद्रों पर इन कार्यकर्ताओं के ठहरने की व्यवस्था करने समेत दस मांगों पर शासन प्रशासन गौर करे। आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन में सुनीता, रेनू, आशा, कमला, सावित्री, उर्मिला आदि आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।
दस सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना
धरना स्थल पर गुरुवार को हुई बैठक में जनपद मंत्री सुनीता दुबे ने बताया कि दस सूत्रीय मांगों को लेकर आशा बहू संघ के बैनर तले आशा कार्यकर्ता सीडीओ कार्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना दे रही हैं। सुनीता दुबे ने कहा कि कार्यकर्ताओं की समस्याएं बेहद पुरानी हैं। शासन प्रशासन ने अभी तक आशा कार्यकर्ताओं के निदान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। हाल ही के दिनों में कई संगठनों का मानदेय बढ़ा दिया गया लेकिन, आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। पदाधिकारियों की मांग है कि आशा बहुओं का मानदेय कम से कम दस हजार रुपये प्रति माह सरकार नियत करें। वहीं आशा कार्यकर्ताओं के कार्यकाल को 60 साल किया जाए। आशा कार्यकतार लगातार विभाग का काम करती है और दुर्घटना का रिस्क रहता है। इसलिए उन्हें दुर्घटना बीमा कम से कम पांच लाख किया जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं को प्रसवकालीन अवकाश, मृतक आश्रित कोटा लागू करने, कार्यकर्ताओं से केवल स्वास्थ्य सेवाएं लेने, ड्रेस देने, रात्रि में डिलीवरी के समय स्वास्थ्य केंद्रों पर इन कार्यकर्ताओं के ठहरने की व्यवस्था करने समेत दस मांगों पर शासन प्रशासन गौर करे। आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन में सुनीता, रेनू, आशा, कमला, सावित्री, उर्मिला आदि आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।