video : हमराह में थिरके परदेसी पावणे
जयपुरPublished: Oct 25, 2015 08:06:00 pm
किशोर सागर तालाब की पाल पर इस रविवार की सुबह भी खुशनुमा रही। शहरवासियों
की मौज-मस्ती के बीच कोटा आए करीब दो दर्जन विदेशी मेहमानों ने भी खूब
एन्जॉय किया। गीतों की प्रस्तुति के दौरान कुछ विदेशी सैलानियों ने
अंग्रेजी गीतों की भी प्रस्तुति दी। साथ ही गीतों पर झूमे-नाचे भी। बच्चों
की चित्रकला प्रतियोगिता में भी मौजूद रहकर प्रतिभगियों को पुरस्कृत किया।
किशोर सागर तालाब की पाल पर इस रविवार की सुबह भी खुशनुमा रही। शहरवासियों की मौज-मस्ती के बीच कोटा आए करीब दो दर्जन विदेशी मेहमानों ने भी खूब एन्जॉय किया।
गीतों की प्रस्तुति के दौरान कुछ विदेशी सैलानियों ने अंग्रेजी गीतों की भी प्रस्तुति दी। साथ ही गीतों पर झूमे-नाचे भी। बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता में भी मौजूद रहकर प्रतिभगियों को पुरस्कृत किया।
हमराह में सुबह छह बजे से ही शहर वासियों का आना शुरू हो गया। सात बजे तक तो यहां पर विभिन्न कार्यक्रम शुरू भी हो गए। काव्यप्रभु कला संस्था की ओर से बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई।
इसमें डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों ने कागज पर अपनी कल्पनाओं को उकेरा। वहीं युवतियों ने मार्शल आर्ट का अभ्यास किया और आत्मरक्षा के गुर भी सीखे। कई युवकों ने बॉक्सिंग, फाइटिंग, हाईजम्प, लॉंगजम्प, शॉट किक आदि का प्रदर्शन कर लोगों को रोमांचित कर दिया।
वहीं मेडीकल व्यवसायी महेश शारदा ने लगातार दण्ड लगाए तो अन्य युवकों ने भी दण्ड लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान युवकों में जोश देखते ही बना। बारहदरी परिसर में तो गीतों की महफिल सजी थी। यहां युवक-युवतियां ने एक से बढ़कर एक फिल्मी गीतों की प्रस्तुति दी। सदाबहार गीतों पर युवा-बच्चे तो क्या बुजुर्गों के भी कदम थिरक रहे थे।
खुशी का खजाना मिल गया
हमराह शुरू हुआ, तब से यहां नियमित आ रहा हूं। तीन-चार माह पहले से तो पूरा परिवार ही साथ आने लगा है। बच्चों को तो यहां जैसे खुशी का खजाना ही मिल गया। यहां आकर भागमभाग की जिंदगी से थोड़ा सकून मिलता है। प्रतिभाओं का कौशल देखने को मिलता है। हमराह बिलकुल हटकर है। हम तो कहते हैं कि सभी को इसमें भागीदारी निभाई चाहिए।
कन्हैयालाल ग्वालानी परिवार के साथ
हम महावीर नगर तृतीय से हमराह में आते हैं। जब कभी नहीं आ पाते तो लगता है कि सप्ताह सूना ही निकल गया। हमराह में खेलने-कूदने व मनोरंजन का नया मंच मिला है। यहां आकर जीवन के असली आनंद का अनुभव होता है। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, सब के सब खुशनुमा जिंदगी का आनंद लेते दिखाई देते हैं।
विशाल विजय परिवार के साथ