ये है मामला
आगरा में सरकारी मशीनरी किस तरह से पस्त हो चुकी है इस बात की बानगी उस वक्त देखने को मिली जब डीएम आॅफिस से फोन करने के बाद भी मृत बन्दर को कलेक्ट्रेट की बाउण्ड्री बाॅल से नहीं हटाया गया। बन्दर की मौत बाउण्ड्री बाॅल की फेंसिंग तार में फस कर हुई थी, जिसकी शिकायत विश्वहिन्दु परिषद के आईटीसैल महानगर प्रमुख ने डीएम आॅफिस में फोन कर की थी। मगर सूचना मिलने के बाद भी सुबह से लेकर शाम तक मृत बन्दर को बाउण्ड्री बाॅल से नहीं उतारा गया। शिकायत का निस्तारण न होने पर बजरंगदल के कार्यकर्ताओं का गुुस्सा सांतवे आंसमान पर पहुंच गया और उन्होने खुद बाउण्ड्री बाॅल से मृत बन्दर को उतार केसरिया दुपट्टे में लपेट एडीएम सिटी के आॅफिस पर ले जाकर रख दिया।
आगरा में सरकारी मशीनरी किस तरह से पस्त हो चुकी है इस बात की बानगी उस वक्त देखने को मिली जब डीएम आॅफिस से फोन करने के बाद भी मृत बन्दर को कलेक्ट्रेट की बाउण्ड्री बाॅल से नहीं हटाया गया। बन्दर की मौत बाउण्ड्री बाॅल की फेंसिंग तार में फस कर हुई थी, जिसकी शिकायत विश्वहिन्दु परिषद के आईटीसैल महानगर प्रमुख ने डीएम आॅफिस में फोन कर की थी। मगर सूचना मिलने के बाद भी सुबह से लेकर शाम तक मृत बन्दर को बाउण्ड्री बाॅल से नहीं उतारा गया। शिकायत का निस्तारण न होने पर बजरंगदल के कार्यकर्ताओं का गुुस्सा सांतवे आंसमान पर पहुंच गया और उन्होने खुद बाउण्ड्री बाॅल से मृत बन्दर को उतार केसरिया दुपट्टे में लपेट एडीएम सिटी के आॅफिस पर ले जाकर रख दिया।
पीछे चली बानर सेना
बजरंगियों ने जब मृत बंदर को दीवार से उतारा, तो वहां बंदरों की भीड़ जमा थी। शायद ये बंदर साथी की मौत से व्यथित थे। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने बंदर को केसरिया कपड़े में लपेट लिया और कलक्ट्रेट की ओर ले जाने लगे। इस मौके पर खास बात ये देखने को मिली कि बजरंगियों के पीछे बानर सेना भी एडीएम सिटी आॅफिस पहुंच गई जो शायद इस बात को दर्शा रही थी कि मृत बन्दर का इन बन्दरों से गहरा नाता था। शिकायत का निस्तारण न होने पर बजरंग दल कार्यकर्ता प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे तो एडीएम सिटी ने कुर्सी छोड़ आनन फानन में बाहर आकर बजरंगियों का गुस्सा शांत करा मृत बन्दर के विधिबत अंतिम संस्कार कराने की बात कहीं।
बजरंगियों ने जब मृत बंदर को दीवार से उतारा, तो वहां बंदरों की भीड़ जमा थी। शायद ये बंदर साथी की मौत से व्यथित थे। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने बंदर को केसरिया कपड़े में लपेट लिया और कलक्ट्रेट की ओर ले जाने लगे। इस मौके पर खास बात ये देखने को मिली कि बजरंगियों के पीछे बानर सेना भी एडीएम सिटी आॅफिस पहुंच गई जो शायद इस बात को दर्शा रही थी कि मृत बन्दर का इन बन्दरों से गहरा नाता था। शिकायत का निस्तारण न होने पर बजरंग दल कार्यकर्ता प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे तो एडीएम सिटी ने कुर्सी छोड़ आनन फानन में बाहर आकर बजरंगियों का गुस्सा शांत करा मृत बन्दर के विधिबत अंतिम संस्कार कराने की बात कहीं।