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जानिए, कैसी रहेगी चंद्रशेखर की पॉलिटिकल कोर कमेटी, 15 तारीख ही क्यों चुनी पार्टी के ऐलान के लिए

locationआगराPublished: Mar 02, 2020 06:17:48 pm

-भीम आर्मी बनेगी राजनीतिक पार्टी, दलितों की राजधानी से बड़ा चेहरा शामिल
-पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ अब बने चंद्रशेखर के सारथी
-बसपा प्रमुख के खासमखास रहे चित्तौड़ विधानपरिषद में रहे हैं नेता विरोधी दल

जानिए, कैसी रहेगी चंद्रशेखर की पॉलिटकल कोर कमेटी, 15 तारीख ही क्यों चुनी पार्टी के ऐलान के लिए

जानिए, कैसी रहेगी चंद्रशेखर की पॉलिटकल कोर कमेटी, 15 तारीख ही क्यों चुनी पार्टी के ऐलान के लिए

आगरा। यूपी की सियासत में एक और राजनीतिक पार्टी की एंट्री होने वाली है। ये राजनीतिक पार्टी पहले ही दिन से बसपा के लिए सिरदर्द बन सकती है क्योंकि भीम आर्मी के नाम से अभी तक गैर राजनीतिक संगठन चला रहे चंद्रशेखर बसपा संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन 15 मार्च को पार्टी का औपचारिक ऐलान करेंगे।
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डीएस फोर, वामसेफ और बसपा के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन पर एक और राजनीतिक पार्टी जन्म लेगी। यह पार्टी पहले ही दिन से बसपा के वोट बैंक पर अपना दावा पेश करेगी। पांच मार्च को कोर कमेटी की बैठक में पार्टी के नाम का औपचारिक ऐलान होगा। अब तक गैर राजनीतिक संगठन भीम आर्मी चला रहे चंद्रशेखर आजाद इसे राजनीतिक पार्टी की शक्ल प्रदान करेंगे। पार्टी के गठन से पहले ही बसपा को सत्ता के द्वार तक पहुंचाने वाले रणनीतिकार अब बसपा सुप्रीमो को गुडबाय कहकर चंद्रशेखर के सियासी सफर के सारथी बने चुके हैं। उन्हीं में से एक हैं पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़, बसपा के नीति निर्धारकों में शामिल पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ की भीम आर्मी से संस्थापक के साथ मुलाकात के फोटो वायरल होने से बसपा के अंत: पुर में हलचल मच गयी।
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सुनील कुमार चित्तौड़ चंद्रशेखर की कोर कमेटी में शामिल हो गये हैं। वे उन 11 सदस्यों में शामिल हैं, जो भीम आर्मी को राजनीतिक संगठन में बदलेंगे। आपको बता दें कि सुनील कुमार चित्तौड़ बसपा के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही विधानपरिषद में पार्टी के नेता रहे हैं। वे बसपा प्रमुख के खास सिपहसालारों में माने जाते थे। पश्चिमी यूप से लेकर पूर्वांचल के साथ ही उत्तराखंड के प्रभारी रहे सुनील कुमार चित्तौड़ फिलहाल बसपा से निष्कासित चल रहे थे। इससे पूर्व बसपा ने टूण्डला विधानसभा सीट उप चुनाव के लिए पार्टी का प्रत्याशी भी बनाया था। सुनील कुमार चित्तौड़ के साथ बसपा प्रमुख के कई खास सिपहसालार चंद्रशेखर के साथ मिलकर बसपा की जड़ों में मट्ठा डालकर उसे कमजोर करने का काम शुरु भी कर चुके हैं। सुनील कुमार चित्तौड़ ने अपनी जिलाध्यक्षी के दौरान आगरा जनपद में 1996 में दयालबाग और एत्मादपुर विधानसभा सीट पर जीत दिलाकर खाता खोला था।

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