ये की मांग
हिन्द की चादर सिक्खों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर साहिब जी का 12 दिसंबर को बलिदान दिवस है। मांग की गई कि इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।सिक्ख समाज का एक प्रतिनधिमंडल नगर मजिस्ट्रेट डॉ. प्रभा कांत अवस्थी से मिला और उन्हें संत बाबा प्रीतम सिंह, कंवल दीप सिंह एवं बंटी ग्रोवर की ओर से एवं मास्टर गुरनाम सिंह, ग्रंथी कुलविंदर सिंह, हरजीत सिंह एवं सविंदर सिंह द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी के समय मुगल शासक औरंगजेब का शासन था, जो एक क्रूर शासक था, जो रोज सवा लाख जनेऊ इकठ्ठा करके भोजन करता था। तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने देश ओर धर्म की रक्षा की खातिर अपना बलिदान दिया और जोर जुल्म का जवाब दिया। ऐसे गुरु के बलिदान दिवस पर अभी तक सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश चंद शर्मा ने गुरुद्वारा गुरु के ताल के कार्यक्रम के समय भी उनको ये ज्ञापन सौंपा गया था, जबकि गुरुद्वारा गुरु का ताल उनकी शहादत से जुड़ा स्थान है और यहीं उनको 9 दिन तक नजरबंद रखा गया था।
वहीं गुरुद्वारा माईथान भी उनका एतहासीक स्थान है, जहां वे दो बार आए।
हिन्द की चादर सिक्खों के नौवें गुरु श्री तेग बहादुर साहिब जी का 12 दिसंबर को बलिदान दिवस है। मांग की गई कि इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।सिक्ख समाज का एक प्रतिनधिमंडल नगर मजिस्ट्रेट डॉ. प्रभा कांत अवस्थी से मिला और उन्हें संत बाबा प्रीतम सिंह, कंवल दीप सिंह एवं बंटी ग्रोवर की ओर से एवं मास्टर गुरनाम सिंह, ग्रंथी कुलविंदर सिंह, हरजीत सिंह एवं सविंदर सिंह द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी के समय मुगल शासक औरंगजेब का शासन था, जो एक क्रूर शासक था, जो रोज सवा लाख जनेऊ इकठ्ठा करके भोजन करता था। तब श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने देश ओर धर्म की रक्षा की खातिर अपना बलिदान दिया और जोर जुल्म का जवाब दिया। ऐसे गुरु के बलिदान दिवस पर अभी तक सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश चंद शर्मा ने गुरुद्वारा गुरु के ताल के कार्यक्रम के समय भी उनको ये ज्ञापन सौंपा गया था, जबकि गुरुद्वारा गुरु का ताल उनकी शहादत से जुड़ा स्थान है और यहीं उनको 9 दिन तक नजरबंद रखा गया था।
वहीं गुरुद्वारा माईथान भी उनका एतहासीक स्थान है, जहां वे दो बार आए।