तीसरी पत्नी से करते थे बेइंतहा प्यार
अनूप जलोटा की तीन शादियां हुई थीं। पहली पत्नी सोनाली सेठ थीं, वो भी उनकी शिष्या थीं और दोनों ने भागकर शादी की थी। लेकिन ये शादी ज्यादा टिक नहीं पायी और दोनों का तलाक हो गया। कुछ समय बाद सोनाली ने गायक रूप कुमार राठौर से शादी कर ली। उसके बाद उन्होंने परिवार के कहने पर बीना भाटिया से शादी की, लेकिन ये शादी भी नहीं बची और तलाक हो गया। तीसरी बार उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल की भतीजी मेधा गुजराल से शादी की। मेधा गुजराल से वे बेइंतहा मोहब्बत करते थे। इस बात का खुलासा उन्होंने आगरा के ताज लिट्रेचर फेस्टिवल में किया था।
अनूप जलोटा की तीन शादियां हुई थीं। पहली पत्नी सोनाली सेठ थीं, वो भी उनकी शिष्या थीं और दोनों ने भागकर शादी की थी। लेकिन ये शादी ज्यादा टिक नहीं पायी और दोनों का तलाक हो गया। कुछ समय बाद सोनाली ने गायक रूप कुमार राठौर से शादी कर ली। उसके बाद उन्होंने परिवार के कहने पर बीना भाटिया से शादी की, लेकिन ये शादी भी नहीं बची और तलाक हो गया। तीसरी बार उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री आई के गुजराल की भतीजी मेधा गुजराल से शादी की। मेधा गुजराल से वे बेइंतहा मोहब्बत करते थे। इस बात का खुलासा उन्होंने आगरा के ताज लिट्रेचर फेस्टिवल में किया था।
अनूप जलोटा ने कहा था मेधा को भुलाना मुश्किल
दरअसल मेधा गुजराल की 2014 में लिवर खराब हो जाने से मृत्यु हो गई थी। दोनों करीब 21 साल तक साथ रहे। दोनों का एक बेटा आर्यमान भी है। मेधा की मृत्यु के बाद आगरा के ताज लिट्रेचर फेस्टिवल में उनकी याद में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। उस कार्यक्रम में अनूप जलोटा भी आए थे। उस समय अनूप जलोटा ने अपने और मेधा के जीवन से जुड़ी कई यादों को साझा करते हुए बताया था कि वे उनसे बहुत प्यार करते थे। जब भी वे ऐसी लागी लगन गाते थे तो मीरा की जगह कई बार मेधा गा देते थे, दर्शक समझ नहीं पाते थे और मेधा मुस्कुरा देती थीं। उन्होंने बताया कि उनके और मेधा के बीच कभी झगड़ा नहीं हुआ। उन्होंने मेधा के साथ इतना अच्छा वक्त गुजारा था कि आज भी उन्हें भुला पाना मुमकिन नहीं है। अनूप जलोटा ने बताया था कि मेधा के अंतिम समय में पंडित जसराज जैसे लोग भी अस्पताल पहुंच जाते थे, फिर वहां महफिल जमती थी।
दरअसल मेधा गुजराल की 2014 में लिवर खराब हो जाने से मृत्यु हो गई थी। दोनों करीब 21 साल तक साथ रहे। दोनों का एक बेटा आर्यमान भी है। मेधा की मृत्यु के बाद आगरा के ताज लिट्रेचर फेस्टिवल में उनकी याद में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया था। उस कार्यक्रम में अनूप जलोटा भी आए थे। उस समय अनूप जलोटा ने अपने और मेधा के जीवन से जुड़ी कई यादों को साझा करते हुए बताया था कि वे उनसे बहुत प्यार करते थे। जब भी वे ऐसी लागी लगन गाते थे तो मीरा की जगह कई बार मेधा गा देते थे, दर्शक समझ नहीं पाते थे और मेधा मुस्कुरा देती थीं। उन्होंने बताया कि उनके और मेधा के बीच कभी झगड़ा नहीं हुआ। उन्होंने मेधा के साथ इतना अच्छा वक्त गुजारा था कि आज भी उन्हें भुला पाना मुमकिन नहीं है। अनूप जलोटा ने बताया था कि मेधा के अंतिम समय में पंडित जसराज जैसे लोग भी अस्पताल पहुंच जाते थे, फिर वहां महफिल जमती थी।