एक बाइक के महज पांच सौ से आठ सौ रुपये
आमतौर पर पुरानी बाइक की कीमत दस से तीस हजार रुपये तक होती है। लेकिन, वाहन चोरी के इस गिरोह को महज पांच सौ से आठ सौ रुपये एक बाइक चोरी के मिलते हैं। इतने बड़े रिस्क में महज इतने कम रुपये, जब ये सवाल बाइक चोर गिरोह के सदस्य से पूछा गया, तो उसने बताया कि वाहन चोरी के गैंग में वो कुरियर का काम करता है। उसका काम दो पहिया वाहनों की चोरी करना होता है। एक बार वाहन चोरी किया, तो उसे सरगना तक पहुंचाने का जिम्मा भी उसका होता है। इसके लिए उसे आठ सौ रुपये तक मिलते हैं। सरगना वाहनों को नंबर प्लेट बदलकर या तो दूसरे राज्यों में बेच देते हैं, या फिर वाहनों के अलग अलग पार्टस को बाजार में बेच दिया जाता है।
आमतौर पर पुरानी बाइक की कीमत दस से तीस हजार रुपये तक होती है। लेकिन, वाहन चोरी के इस गिरोह को महज पांच सौ से आठ सौ रुपये एक बाइक चोरी के मिलते हैं। इतने बड़े रिस्क में महज इतने कम रुपये, जब ये सवाल बाइक चोर गिरोह के सदस्य से पूछा गया, तो उसने बताया कि वाहन चोरी के गैंग में वो कुरियर का काम करता है। उसका काम दो पहिया वाहनों की चोरी करना होता है। एक बार वाहन चोरी किया, तो उसे सरगना तक पहुंचाने का जिम्मा भी उसका होता है। इसके लिए उसे आठ सौ रुपये तक मिलते हैं। सरगना वाहनों को नंबर प्लेट बदलकर या तो दूसरे राज्यों में बेच देते हैं, या फिर वाहनों के अलग अलग पार्टस को बाजार में बेच दिया जाता है।
हाईस्कूल, इंटर के युवा कर रहे बाइक चोरी
दो पहिया वाहन चोरी में सबसे अधिक युवा सक्रिय हैं। हाईस्कूल, इंटर करने वाले युवा लड़के बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस द्वारा इन्हें पकड़ा भी जाए, तो सजा के नाम पर इन्हें कोई बड़ी सजा नहीं हो।
दो पहिया वाहन चोरी में सबसे अधिक युवा सक्रिय हैं। हाईस्कूल, इंटर करने वाले युवा लड़के बाइक चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस द्वारा इन्हें पकड़ा भी जाए, तो सजा के नाम पर इन्हें कोई बड़ी सजा नहीं हो।
पुलिस की सबसे अधिक सख्ती वाहन चोरी पर
सुरक्षा व्यवस्था के लिए होने वाली मीटिंग में सबसे अधिक फोकस वाहन चोरी पर होता है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वाहन चोरों पर शिकंजा कसने के लिए समय समय पर चेकिंग और मुखबिरों की भी मदद ली जाती है।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए होने वाली मीटिंग में सबसे अधिक फोकस वाहन चोरी पर होता है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वाहन चोरों पर शिकंजा कसने के लिए समय समय पर चेकिंग और मुखबिरों की भी मदद ली जाती है।
ये सेंटर हैं वाहन चोरों के निशाने पर
शहर में वाहन चोरों के निशाने पर जो क्षेत्र हैं उनमें व्यावसायिक सेंटर कहे जाने वाले संजय प्लेस से सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं। वहीं रामबाग के अस्पतालों से भी बड़ी संख्या दो पहिया वाहन चोरी होते हैं। भगवान टॉकीज, सिकंदरा बोदला रोड पर बनीं बिल्डिंग, शाहगंज, सदर बाजार, राजा की मंडी, किनारी बाजार, हींग की मंडी, शाह मार्केट जैसे व्यस्तम बाजार वाहन चोरों की नजर में रहते हैं।
शहर में वाहन चोरों के निशाने पर जो क्षेत्र हैं उनमें व्यावसायिक सेंटर कहे जाने वाले संजय प्लेस से सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं। वहीं रामबाग के अस्पतालों से भी बड़ी संख्या दो पहिया वाहन चोरी होते हैं। भगवान टॉकीज, सिकंदरा बोदला रोड पर बनीं बिल्डिंग, शाहगंज, सदर बाजार, राजा की मंडी, किनारी बाजार, हींग की मंडी, शाह मार्केट जैसे व्यस्तम बाजार वाहन चोरों की नजर में रहते हैं।