सीएम योगी को भी अवगत कराया
पूर्व विधायक केशो मेहरा ने मेरठ में हुई कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने टीटीजेड से प्रभावित जिलों में उद्योग की दयनीय हालत से अवगत कराया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंटकर ताज ट्रेपिजियम जोन के पांच जिलों आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस व एटा में नये उद्योग लगाने व स्थापित उद्योगों की क्षमता बढ़ाने पर लगी रोक को हटाने का आग्रह किया। केशो मेहरा ने राजनैतिक प्रस्ताव पर बोलते हुये कहा कि रोक हटने से भाजपा सरकार की उद्योग को बढ़ावा देने के लिये एक जिला एक उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी, और इस योजना से जिलों में रोजगार के नये अवसर बढ़ेंगे।
ये दी जानकारी
केशो मेहरा ने योजना की प्रशंसा करते हुये कहा कि 29 जुलाई को 60,000 करोड़ के 85 उद्योग धरातल पर उतरे, लेकिन आगरा के उद्यमियों ने फरवरी 1900 करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये, लेकिन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 8 सितम्बर 2016 को रोक लगाये जाने के कारण उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में उद्योग लगाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। केशो मेहरा ने मुख्यमंत्री योगी का ध्यान, आकृष्ट करते हुये कहा कि सिविल याचिका संख्या 13381/1984 एमसी मेहता, भारत सरकार व में 30 दिसम्बर 1996 को दिये गये निर्णय में कहा गया, कि यह पुरानी अवधारणा है कि उद्योग व पर्यावरण साथ-साथ नहीं चल सकते, उद्योगों का लगना देश की आर्थिक प्रगति के लिये आवश्यक है, साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिये।
केशो मेहरा ने योजना की प्रशंसा करते हुये कहा कि 29 जुलाई को 60,000 करोड़ के 85 उद्योग धरातल पर उतरे, लेकिन आगरा के उद्यमियों ने फरवरी 1900 करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये, लेकिन पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 8 सितम्बर 2016 को रोक लगाये जाने के कारण उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में उद्योग लगाने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। केशो मेहरा ने मुख्यमंत्री योगी का ध्यान, आकृष्ट करते हुये कहा कि सिविल याचिका संख्या 13381/1984 एमसी मेहता, भारत सरकार व में 30 दिसम्बर 1996 को दिये गये निर्णय में कहा गया, कि यह पुरानी अवधारणा है कि उद्योग व पर्यावरण साथ-साथ नहीं चल सकते, उद्योगों का लगना देश की आर्थिक प्रगति के लिये आवश्यक है, साथ ही पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिये।
ये की मांग
केशो मेहरा ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण मंत्रालय का 8 सितम्बर 2016 का नये उद्योग लगाने व उद्योगों की क्षमता बढ़ाने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय 30 दिसम्बर 1996 की अवमानना की श्रेणी में आता है, इसीलिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्ता कर इस आदेश को हटवायें। केशो मेहरा ने स्मरण दिलाया कि पर्यावरण मंत्रालय ने 30 जुलाई 2018 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर यह तो स्वीकार किया है कि 30 दिसम्बर 1996 के निर्णय में उद्योगों की स्थापना पर रोक नहीं लगी थी, फिर भी कुछ पेशी के उद्योगों की अनुमति मांगकर अवैध कार्य किया है।
केशो मेहरा ने जोर देकर कहा कि पर्यावरण मंत्रालय का 8 सितम्बर 2016 का नये उद्योग लगाने व उद्योगों की क्षमता बढ़ाने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय 30 दिसम्बर 1996 की अवमानना की श्रेणी में आता है, इसीलिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वार्ता कर इस आदेश को हटवायें। केशो मेहरा ने स्मरण दिलाया कि पर्यावरण मंत्रालय ने 30 जुलाई 2018 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर यह तो स्वीकार किया है कि 30 दिसम्बर 1996 के निर्णय में उद्योगों की स्थापना पर रोक नहीं लगी थी, फिर भी कुछ पेशी के उद्योगों की अनुमति मांगकर अवैध कार्य किया है।