गंगनहर बचाओं किसान समिति के संयोजक रणजीतसिंह राजू के नेतृत्व में जिला प्रशासन से किसान मिले। किसानों ने कहा कि नौ फरवरी को रेगुलेशन कमेटी की बैठक में तय किया गया था कि जीजी नहर की
पिछले माह तीन बारियां लगातर सूखी गई है और पानी की उपलब्धता पर क्षतिपूर्ति स्वरूप पानी की आपूर्ति दी जाएगी। इस निर्णय के बाद ही सहायक अभियंता प्रवीण गक्खड़ पर किसानों ने आरोप लगाया है कि जीजी नहर को दो दिन पहले ही बंद कर दिया। इस प्रकरण की विस्तृत जांच कर कार्रवाई की मांग की गई।
साथ ही किसानों ने जीजी नहर में सोमवार रात नौ बजे से शनिवार तक पानी चलाने की गुहार की है। इस मौके पर मास्टर केवल सिंह, अमतेंद्र सिंह क्रंाति, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष संतोष सहारण, अंग्रेज सिंह, जगमीत सिंह, जगदीश घणघस व पूर्व सरपंच संतवीर सिंह आदि किसान शामिल हुए।
मंत्री को करवाया अवगत भाजपा जिला प्रवक्ता राजकुमार सोनी ने बताया कि जीजी नहर के किसानों की तीन बारियां लगातार सूखी जाने पर फसलें सूख रही हैं।
इस संबंध में जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप को अवगत करवाया गया है। जीजी नहर के किसानों को क्षतिपूर्ति का पानी दिलवाने की कोशिश की जा रही है। सोनी ने जल संसाधन विभाग के रवैये पर असंतोष प्रकट किया है।
मांग वाजिब, आरोप गलत इस पर गक्खड़ का कहना है कि मैं चार दिन से अवकाश पर हूं। जीजी नहर के किसानों की मांग वाजिब है और
रेगुलेशन कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि गंगनहर में उपलब्ध पानी के अनुसार जीजी नहर को पानी दिया जाएगा। रेगुलेशन में किसी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप गलत है। किसी किसान के लिए व्यक्तिगत रूप से पानी नहीं छोड़ा जाएगा।