सांसदों की रार में मेयर भी! यूं तो राजनीतिक दलों में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है, लेकिन मंच पर खुले तौर पर कोई राजनीतिक दल गुटों में बंटा नजर आए वह भी चुनाव से पहले तो बात चिंताजनक जरुर हो जाती है। तारघर मैदान पर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के मंच पर मौजूद रहने के दौरान इशारों ही इशारों में नेताओं ने गुटबाजी का संकेत दे दिया। सांसद रामशंकर कठेरिया और सांसद चौधरी बाबूलाल में अदावत पुरानी है लेकिन मंच पर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की मौजूदगी के बावजूद महापौर और सांसद कठेरिया ने संबोधन उनका और सांसद चौधरी बाबूलाल का नाम नहीं लिया। इसके बाद सांसद चौधरी बाबूलाल ने भी अपने संबोधन में सांसद कठेरिया और महापौर को बिसरा का जबाव देने का प्रयास किया।
मोदी की रैली के बाद भी विवाद हुआ था उजागर मंच पर वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में इशारों ही इशारों में आपसी फूट का संकेत देने वाले इन नेताओं की चर्चा लोगों में आम रही। भाजपा में ये पहला मौका नहीं है जब आपसी फूट दिखाई दी हो, पीएम की रैली के दौरान भी ये दृश्य आम था जब पीएम द्वारा उद्घाटित और शिलान्यास की गयीं योजनाओं की शिलापट्टिकाओं से विधायकों का नाम नदारद था। जिससे विधायकों ने नाराजगी व्यक्त की थी, यही वजह थी कि शिलापट्टिकाओं पर इस बार विधायकों का नाम अंकित था।