भूपेन्द्र सिंह रानाः मुख्य लक्ष्य है असंगठित क्षेत्र के श्रमिक जैसे मनरेगा, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री को उचित पारिश्रमिक मिले। फिलहाल इतनी कम धनराशि मिल रही है कि बच्चों का भरण पोषण ठीक से नहीं हो पा रहा है। हमारी मांग है कि इन्हें कम से कम 15 हजार रुपये प्रतिमाह पारिश्रमिक मिले।
सरकार नया अध्यादेश लाने जा रही है जिसे फिक्स टर्म एम्पलायमेंट कहा जाता है। इसके तहत मजदूरों से चार घंटे काम कराया जाएगा, ताकि निरंतर सेवा न हो सके। चाहे जब हटाकर नए कर्मी रख लिए जाएंगे। कई क्षेत्रों में 10-15 साल से श्रमिक भाई कार्य कर रहे हैं, उन्हें अभी तक नियमित नहीं किया गया है, जबकि केन्द्र की नीति 90 दिन और राज्य की नीति 240 दिन की है। इतने दिन नियमित सेवा करने पर नियमितीकरण का लाभ मिलता है। लम्बे समय से काम करने वाले संविदाकर्मियों को सरकार नियमित करे और सभी सुविधाएं मिलें। संविदाकर्मी को सुरक्षा बीमा मिले।
भूपेन्द्र सिंह रानाः बीएमएस की आगरा में 38 यूनिट हैं। आगरा विश्वविद्यालय, आवास विकास परिषद, एचएएल, मिलिट्री डेयरी फार्म, सीओडी, 509 आर्मी बेस वर्कशॉप, शांति मांगलिक अस्पताल, सुंदरानी नेत्र चिकित्सालय, जालमा संस्थान, बीएसएनएल, रेलवे, रोडवेज आदि में हमारे कर्मचारी हैं।
भूपेन्द्र सिंह रानाः जब-जब सरकार भाजपा की आई है, तब-तब भारतीय मजदूर संघ का सरकार से टकराव हुआ है। जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आई, तब पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त किया गया। वित्त मंत्री ने श्रमिकों के खिलाफ निर्णय हुए थे। इसके खिलाफ भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी को बोट क्लब, दिल्ली पर रैली करनी पड़ी थी। अभी हमने दिल्ली में रैली की थी, जिसमें करीब पांच लाख की भीड़ थी। हमने केन्द्र, राज्य और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए मांग की थी, लेकिन लगता नहीं है कि सरकार गंभीर रूप से विचार कर रही है।
भूपेन्द्र सिंह रानाः 30 अक्टूबर को लखनऊ में रैली है। छह सितम्बर को संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। लोकसभा 2019 में केन्द्रीय समिति के निर्देशानुसार कार्य करेंगे।
भूपेन्द्र सिंह रानाः अगर सरकार का कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति सकारात्मक रवैया नहीं रहा तो सरकार का विरोध करेंगे। भारतीय मजदूर संघ कोई राजनीतिक संस्था नहीं है।
भूपेन्द्र सिंह रानाः उत्तर प्रदेश क्या, अखिल भारतीय स्तर पर भारतीय मजदूर संघ के 38 अखिल भारतीय संगठन हैं। कई राज्यों में ऐसी स्थितियां हैं, हम बहुत बड़ा नुकसान भारतीय जनता पार्टी का कर सकते हैं। जरूरत पड़ी तो हम चुनाव प्रचार के समय मजदूर हित में कठोर निर्णय लेंगे। कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल, आंध्र, कर्नाटका, त्रिपुरा में हमारा बहुत अच्छा जनाधार है।
भूपेन्द्र सिंह रानाः आगरा में उत्तरी विधानसभा क्षेत्र, छावनी विधानसभा क्षेत्र, एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है। आगरा लोकसभा सीट पर अगर हम उठ खड़े हुए कि भाजपा को हराना है, तो कामयाब होंगे। पूर्व में हम आगरा लोकसभा क्षेत्र से भगवान शंकर रावत और छावनी क्षेत्र से केशो मेहरा को चुनाव हरा चुके हैं। अब कोई निर्णय लिया गया तो आगरा लोकसभा और तीन विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव है। अगर श्रमिकों के हित में सकारात्मक रोल नहीं निभाया तो निश्चित रूप से भाजपा के खिलाफ काम करेंगे।