ड्रग विभाग ने मालवा ट्रांसर्पोट से कुल 21 लाख रुपये की दवाईयां जब्त की थीं। इनमें 16 लाख की फ्रेश दवाईयां और 5 लाख की सैंम्पल की दवाईयां शामिल थीं। औषधि निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बनाया कि फ्रेश दवाईयों में से कुल सात नमूने लिये गये जिसमें से चार दवाओं के नमूने फेल पाये गये हैं जबकि तीन की रिर्पोट आना बाकी है। यह सभी दवाईयां ब्रांडेड कम्पनी की डुप्लीकेसी कर बाजार में बिक्री के लिए लाई गई थी। पकड़ी गई दवाईयों में Cipex625, rec-xim, acipex, C AZ tablets शामिल हैं।
आगरा दवा व्यवसाय का बड़ा केन्द माना जाता है। जहां दवा माफियाओं ने डेरा जमा लिया है। आगरा से कई राज्यों में नकली व नशीली दवाओं की तश्करी की जा रही है। मालवा ट्रांसर्पोट पर हुई छापेमारी से नकली व नशीली दवाईयों के अवैध कारोबार का भांडा फोड़ हुआ है। ड्रग विभाग ने इस मामले में दोषी पाई गई तीन फर्मों के लाईसेन्स निरस्त किये हैं। विभाग ने दवाओं के सैंम्पल फेल होने के बाद माफियाओं की पहचान कर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
ड्रग विभाग ने नकली व नशीली दवाईयों की तश्करी में आगरा की तीन फर्मों को दोषी पाया था। जिनमें संजय प्लेस स्थित एचबी इंटरप्राइजेज, कर्मयोगी कमला नगर स्थित हर्ष एजेंसी व फव्वारा मार्केट स्थित एके इंटरप्राइजेज के ड्रग लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई ड्रग विभाग ने की है। 21 लाख रुपये की दवा के दावेदार को ड्रग अधिकारियों ने खोज निकाला है। ड्रग निरीक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि यह दवा मालवा ट्रांसर्पोट पर एके गुप्ता व अरुण कुमार लेकर पहुंचे थे। इनके खिलाफ जल्द ही मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।